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    गुरु अमरदास के जोड़े पर संगत की आस्था, स्पर्श से दूर होते हैं रोग

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 14 Oct 2019 11:38 PM (IST)

    शहर से तीन किलोमीटर दूर दुलचीके गांव स्थित गुरुद्वारा सच्ची मंजी साहिब में धार्मिक जोड़ मेला करवाया गया।

    गुरु अमरदास के जोड़े पर संगत की आस्था, स्पर्श से दूर होते हैं रोग

    संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : शहर से तीन किलोमीटर दूर दुलचीके गांव स्थित गुरुद्वारा सच्ची मंजी साहिब में धार्मिक जोड़ मेला करवाया गया। गुरुद्वारा साहिब के प्रति संगत की बढ़ती आस्था का कारण यहां पर लाए जाने वाले श्री गुरु अमरदास जी का चरण स्पर्श जोड़ा है, जिसे मस्तक पर लगवाने से शरीर के कई रोगों को मुक्ति मिलती है। इस बार 12 से 14 अक्टूबर तक चले जोड़ मेले में गुरुद्वारा साहिब में संगत ने माथा टेक आशीर्वाद लिया। गुरुद्वारा साहिब से सेवादार बूटा सिंह व बलबीर सिंह ने बताया कि जोड़े का इतिहास गुरु अमरदास जी के साथ संबंधित है। गुरुजी के चरण सेवक बाबा सच्चन सच ने गुरुघर की 12 साल सेवा की थी और गुरु जी ने खुश होकर अपने चरणों का जोड़ा बक्शिश के रूप में सच्चन सच को दिया था। गुरु साहिब ने बचन दिया था कि इस जोड़े को जिस व्यक्ति से मस्तक पर लगाया जाएगा उसके कई रोग दूर होंगे।

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    लोगों की आस्था इन रोगों के मिलता है छुटकारा

    गुरु साहिब के चरण सेवक की याद में बनाए गए गुरुद्वारा सच्ची मंजी के सेवादार कहते है कि जोड़े के प्रति आस्था यह है कि इसके स्पर्श से पागलपन, कुत्ते के काटने, हजीरां वाला समेत कई अन्य रोग दूर होते हैं ।

    रागी जत्थों ने संगत को किया निहाल

    सेवादार बूटा सिंह व बलबीर सिंह ने बताया कि सोमवार को मेला पूरे जोर पर रहा,इस दिन सुबह से गुरुद्वारा साहिब में संगत का तांता लगना शुरू हो गया और यह संगत अकेले गांव से नही बल्कि शहरों व विभिन्न गांवों से यहां पहुंची है,शबद गायन जिसमें ढाड़ी जत्था भाई गुरविदर सिंह अनमोल, कविश्री जत्था भाई सुखदेव सिंह तथा कथा वाचक ज्ञानी लवनीत सिंह, रागी जत्था भाई पिपल सिंह की तरफ से संगत को अपने अपने प्रवचनों के निहाल किया ।गुरु का लंगर दिन भर चलता रहा है। इस मौके पर बाजार भी सजे रहे हैं। यह सब कुछ दर्शन अभिलाषी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व समूह संगत की तरफ से किया गया है। अरदास के बाद मेले का समापन हुआ है।

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