Firozpur News: एथेनॉल प्लांट को बंद करने की मांग, ग्रामीणों के धरने को पूरा हुआ एक साल; कहा- जारी रहेगा संघर्ष
सांझा मोर्चा जीरा के सदस्य रोमन बराड़ ने कहा कि बेशक मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने फैक्ट्री बंद करवाने की घोषणा करने के बाद सौगंध उठाई हो लेकिन जब तक सरकार द्वारा फैक्ट्री को पूर्ण तौर पर बंद नहीं करवा दिया जाता उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में तब के मुख्यमंत्री रकैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी पंजाब में नशा खत्म करने की सौगंध उठाई थी।
फिरोजपुर, तरुण जैन। कस्बा जीरा के गांव मंसूरवाला में एथेनाल प्लांट बंद करवाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों को सोमवार को एक वर्ष का समय पूरा हो चुका है। उसके बावजूद अभी तक फैक्ट्री को पूर्ण रूप से बंद करवाने में सरकार नाकाम साबित हुई है।
सांझा मोर्चा के नेतृत्व में विभिन्न किसान संगठनों द्वारा पहली वर्षगांठ पर गांव महींयावाला के गुरुद्वारा साहिब में सुखमणि साहिब पाठ का आयोजन किया गया। जिसमें बीकेयू क्रांतिकारी, बीकेयू सिद्धपुर, बीकेयू उग्राहा, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी, क्रांतिकारी किसान यूनियन सहित विभिन्न संगठनों ने हिस्सा लिया। पाठ के भोग के बाद परमात्मा से जल्द फैक्ट्री बंद होने तथा सरबत के भले की अरदास की।
'बेशक मुख्यमंत्री ने सौगंध उठाई हो, लेकिन...'
सांझा मोर्चा जीरा के सदस्य रोमन बराड़ ने कहा कि बेशक मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने फैक्ट्री बंद करवाने की घोषणा करने के बाद सौगंध उठाई हो, लेकिन जब तक सरकार द्वारा फैक्ट्री को पूर्ण तौर पर बंद नहीं करवा दिया जाता, उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में तत्काली मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी पंजाब में नशा खत्म करने की सौगंध उठाई थी।
'किसानों को संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ रहा है'
भारतीय किसान यूनियन के पंजाब प्रधान जगजीत सिंह डलेवाल ने कहा कि पंजाब कृषि प्रधान देश है, लेकिन यहां पर किसानों को अपनी मांगे मनवाने के लिए संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ रहा है और सरकार नशे की फैक्ट्रियों को बंद करवाने में नाकाम साबित हो रही है। अगर मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी तो उसका लिखित बयान भी निकालते और अभी तक फैक्ट्री बंद हो जानी चाहिए थी। अगर ऐसा ही चलता रहा तो आंदोलन फिर से तेज होगा और इसका परिणाम सरकार को भुगतना पड़ेगा।
सांझा मोर्चा के सदस्य व गांव मंसूरवाला के सरपंच बलदेव सिंह ने कहा कि एथेनॉल प्लांट के गंदे पानी के कारण गांव में कई लोगों की मौते हो चुकी है और कई लोग गंभीर बीमारियों का शिकार भी हो चुके हैं। देश-विदेश के डॉक्टर यहां पर जांच कर चुके हैं और सरकार द्वारा कमेटियों का गठन करने के अलावा मुख्यमंत्री खुद कह चुके हैं कि यह फैक्ट्री प्रदूषण फैला रही है। इसके बावजूद अभी तक इसे बंद करवाने में सरकार नाकाम साबित हो रही है।
इस अवसर पर सांझा मोर्चा के सदस्य गुरजंट सिंह, जुगराज सिंह, रविंदरजीत सिंह, फतेह ढिल्लो, किसान संगठनों के बलदेव सिंह, जसवंत सिंह, कुलदीप सिंह, जुगराज सिंह, बोहड़ सिंह, महिन्द्र सिंह, निर्मल सिंह, राणा रणबीर सहित अन्य उपस्थित थे।
ऐसे शुरू हुआ था सिलसिला
- 21 जुलाई को गांव महियांवाला कलां में गुरुद्वारा साहिब में बोर करते समय शराब रूपी गंदा पानी निकला, जिसके बाद ग्रामीणों का रोष शुरू हुआ।
- 24 जुलाई को गांव मंसूरवाला में मॉलब्रोल इंटरनैशनल प्राइवेट लिमिटेड के बाहर किसानों ने पक्का धरने लगाया।
- 28 जुलाई को एथेनाल प्लांट द्वारा पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में रिट पिटिशन डाली गई और कोर्ट द्वारा प्लांट के गेट से 300 मीटर दूरी पर धरना लगाने के आदेश जारी हुए। मौके पर डीसी व एसएसपी ने फैक्ट्री में बंद कर्मचारियों को राशन भिजवाने का प्रयास किया।
- 18 अगस्त को एनजीटी की मॉनिटरिंग कमेटी में रिटायर्ड जस्टिस जसबीर सिंह , सुबोध अग्रवाल, पर्यावरण प्रेमी व राज्यसभा सदस्य बलबीर सिंह सींचेवाल पहुंचे और विभिन्न स्थानों से सैंपल लिए।
- 7 सितम्बर को सैंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड व डीसी ने मौके का दौरा किया।
- 23 सितम्बर को एनजीटी की मॉनिटरिंग कमेटी ने डिप्टी कमिश्नर को रिपोर्ट सौंपी।
- 26 सितम्बर को पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एसई राजीव गोयल, एक्सईएन रोहित सिंगला धरने पर पहुंचे और धरनाकारियों को रिपोर्ट पढकर सुनाई।
- 20 अक्तुबर को हाईकोर्ट द्वारा पंजाब सरकार को 5 करोड़ रूपए एथेनाल प्लांट को एक सप्ताह में देने के आदेश दिए।
- 29 नवम्बर को हाईकोर्ट ने 15 करोड़ रूपए ओर पंजाब सरकार को एथेनाल प्लांट को देने के आदेश दिए तथा डिप्टी कमिश्रर को एफिडेविट के माध्यम से धरना ना उठाने के कारणों का जवाब मांगा और एक कमेटी का गठन किया।
- 8 दिसम्बर को एनजीटी ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर 23 फरवरी को जवाब देने की बात कहीं।
- 15 दिसम्बर को धरना स्थल पर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया और प्रदर्शनकारियों ने धरना स्थल पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश करवाया।
- 16 दिसम्बर को 11 सदस्यीय कमेटी के शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के साथ मुलाकात की और सीएम द्वारा जांच हेतू विभिन्न कमेटियों का गठन किया गया।
- 17 दिसम्बर को कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल धरनास्थल पर पहुंचे और धरना हटाने की अपील की, लेकिन सांझा मोर्चा ने धरना हटाने से मना कर दिया।
- 18 दिसम्बर को फिर से धरना स्थल पर गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश हुआ। पुलिस और विभिन्न शहरों से पहुंच रहे किसान संगठनों के मध्य बहस हुई और पुलिस द्वारा 400 से ज्यादा लोगो के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
- 19 दिसम्बर को राज्य भर से काफी संख्या में किसान संगठन धरना स्थल पर पहुंचे।
- 20 दिसम्बर को 39 यूनियनों के करीब दस हजार किसान पहुंचे। पुलिस द्वारा तब दो विभिन्न मामलों में बिजली चोरी, पुलिस डयूटी में बाधा डालने सहित अन्य आरोपों के तहत 600 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को नामजद किया।
- 21 दिसम्बर को पुलिस ने ने फिर से 1100 प्रदर्शनकारियों पर मामला दर्ज किया।
- 23 दिसम्बर को सरकार द्वारा गठित फैक्ट फाइंडिंग कमेटियों ने मौके पर पहुंच जांच की बात की तो प्रदर्शनकारियों ने उनका साथ देने से इंकार कर दिया।
- 17 जनवरी 2023 को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने एथेनाल प्लांट को बंद करने की घोषणा की।
- 30 मई को यूएसए के डॉक्टर स्वै मान सिंह द्वारा डॉक्टरों की टीम भेजी गई थी, जिसमें टीम द्वारा सभी ग्रामीणों की मैडिकल स्कैनिंग करके रिपोर्ट तैयार करनी थी।
- 6 जुलाई को पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने एथेनाल प्लांट को एनओसी देने से इंकार कर दिया था।
-15 जुलाई को मुख्यमंत्री ने एक बार फिर सौगंध उठाकर फैक्ट्री बंद करवाने की बात कहीं थी।
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