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    भारतीय सेना के जांबाज जवानों ने रचा इतिहास, गोल्डन एरो गनर्स ने माउंट कुन पर फहराया विजय ध्वज

    फिरोजपुर के गोल्डन एरो गनर्स ने लद्दाख की सुरू घाटी में स्थित 7077 मीटर ऊंचे माउंट कुन पर विजय प्राप्त की है। यह उपलब्धि 1965 के भारत-पाक युद्ध में मिली जीत की हीरक जयंती को समर्पित है। दुर्गम परिस्थितियों के बावजूद टीम ने साहस और दृढ़ संकल्प से शिखर पर पहुंचकर इतिहास रचा।

    By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Thu, 21 Aug 2025 07:42 PM (IST)
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    भारतीय सेना के जांबाज जवानों ने रचा इतिहास। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, फिरोजपुर। भारतीय सेना के जांबाज जवानों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि साहस और दृढ़ निश्चय के बल पर कोई भी शिखर अजेय नहीं।

    फिरोजपुर छावनी स्थित गोल्डन एरो डिवीजन के गोल्डन एरो गनर्स की एक विशेष पर्वतारोही टीम ने लद्दाख की सुरू घाटी में 7077 मीटर ऊंचे माउंट कुन पर विजय प्राप्त कर एक नया इतिहास रच दिया है। यह उपलब्धि भारतीय सेना को 1965 के भारत-पाक युद्ध में मिली जीत की हीरक जयंती (60वीं वर्षगांठ) को समर्पित की गई है।

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    कठिन चुनौतियों के बीच मिली सफलता

    इस अभियान की शुरुआत अगस्त माह की शुरुआत में हुई थी। ऊंचाई पर पतली होती हवा, बर्फीले तूफान और खड़ी ढलानों जैसी विकट चुनौतियों के बावजूद, गोल्डन एरो गनर्स ने असाधारण धैर्य, तकनीकी दक्षता और टीम भावना का परिचय दिया। मौसम की खराबी के बावजूद उन्होंने पीछे हटने के बजाय आगे बढ़ने का संकल्प लिया और शिखर तक सफलतापूर्वक पहुंच गए।

    1965 की वीरता को दी श्रद्धांजलि

    गोल्डन एरो डिवीजन का 1965 के भारत-पाक युद्ध में निर्णायक योगदान रहा है। यह पर्वतारोहण अभियान उसी गौरवशाली इतिहास की याद दिलाता है और उस वीरता व बलिदान को नमन करता है। यह सफल चढ़ाई भारतीय सेना की कभी हार न मानने की अदम्य भावना और उत्कृष्टता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का जीवंत उदाहरण है।

    सेना अधिकारियों ने की सराहना

    पर्वतारोहियों की टीम के सुरक्षित बेस कैंप लौटने के बाद वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना की। अधिकारियों ने कहा कि गोल्डन एरो गनर्स ने न सिर्फ शारीरिक और मानसिक दृढ़ता का परिचय दिया है, बल्कि भारतीय सशस्त्र बलों की गौरवशाली परंपराओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।

    आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा

    गोल्डन एरो गनर्स का यह अभियान युवाओं और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायी है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि भारतीय सेना केवल सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि साहस, रोमांच और गौरवशाली परंपराओं को भी लगातार आगे बढ़ाती है।

    - माउंट कुन पर विजय ध्वज फहराने वाला गोल्डन एरो गनर्स ।