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    हर मनोकामना पूरी होती है मंदिर बाबा खेत्रपाल सुजावलपुर धाम पर

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    Updated: Fri, 09 Jan 2015 05:44 PM (IST)

    राज नरूला, अबोहर भारत-पाक सीमा से सटे गांव सुजावलपुर में मंदिर बाबा खेत्रपाल की स्थापना बेबे राम प

    राज नरूला, अबोहर

    भारत-पाक सीमा से सटे गांव सुजावलपुर में मंदिर बाबा खेत्रपाल की स्थापना बेबे राम प्यारी ने आजादी की जंग के बाद वर्ष 1947 में की थी। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां आए भक्तजनों की हर मनोकामना पूरी होती है।

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    आज यह मंदिर एक धार्मिक स्थल का रूप ले चुका है जहां हर महीने की चौदस को लगने वाले मेले में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर व समाधि पर आकर शीश झुकाते हैं।

    बेबे राम प्यारी ने 89 वर्ष की आयु में 1993 में चोला छोड़ा। उन्होंने लगभग 46-47 वर्ष मंदिर में सेवा की तथा लोगों का कल्याण किया। बेबे राम प्यारी के चोला छोड़ने के बाद मंदिर की सेवा आशा देवी जी को सौंपी गई। वह दिन-रात श्रद्धालुओं की सेवा में लगी हुईं हैं। भगत चिमन लाल नरूला के मार्ग दर्शन में यह मंदिर एक धार्मिक स्थल का रूप धारण कर चुका है। यहां आने वाले हर श्रद्धालु की मनोकामना पूरी होती है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर प्रबंधक कमेटी का गठन भी किया गया है जो यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा में हर समय तत्पर रहती है। चौदस के दिन यहां भारी मेला लगता है जबकि एकम के दिन बाबा आशा देवी जी लोगों की समस्याओं का निदान करती हैं। बताते हैं कि जब भी भारत पाक सीमा पर तनाव की स्थिति पैदा होती तो गांव के लोग बेबे जी के पास पहुंच जाते व बेबे राम प्यारी उनका उत्साह व हौसला बढ़ाते हुए उन्हें गांव में ही रहने को प्रेरित करती हैं व कहती हैं कि उन्हें कोई समस्या नहीं होगी। बेबे राम प्यारी की बरसी 10 जनवरी को बड़ी श्रद्धापूर्वक मनाई जाती है।

    सामाजिक बुराइयों से दूर रहने को करती हैं प्रेरित

    अबोहर: आशा देवी जी यहां आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को सामाजिक बुराइयों से दूर रहने को प्रेरित करती हैं। वह श्रद्धालु को कन्या भ्रूण हत्या की बुराई को समाप्त करने का संदेश देती हैं। इसके अलावा नशे से दूर रहने व दहेज प्रथा की बुराई को समाप्त करने को भी प्रेरित करती हैं।