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    कर्दम ऋषि ने 10 हजार वर्ष की भगवान की तपस्या

    By Edited By:
    Updated: Thu, 17 Nov 2011 02:14 PM (IST)

    मुख्य संवाददाता, फिरोजपुर

    फिरोजपुर छावनी के चर्च रोड पर स्थित गौरी शंकर अग्रवाल के घर पर श्रीमदभागवत कथा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रंवचन करते हुए सिद्ध पीठाधीश्वर श्री 1008 स्वामी आत्मानंद पुरी जी जीरा वालों ने कहा कि कर्दम ऋषि ने योग्य पत्नी पाने के लिए 10 हजार साल भगवान की तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान ने उनके घर पुत्र के रूप में जन्म लेने का वरदान दिया। इसके बाद उनका विवाह देवहूति से हुआ, जिनसे नौ कन्याओं के बाद एक पुत्र ने जन्म लिया, जो कपिल मुनि के नाम से प्रसिद्ध हुए। स्वामी जी ने कहा कि पुत्र होने के बाद कर्दम ऋषि तपस्या करने चले गए। उनके जाने के बाद कपिल भगवान ने अपनी माता को सांख्य दर्शन का उपदेश देकर संसार में सांख्य सिद्धांत की स्थापना की।

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    इस दौरान स्वामी जी ने कहा कि धर्म ही मानवता का सच्चा साथी है। जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है। इसलिए धर्म का कभी भी त्याग नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानव का शरीर सबसे दुर्लभ है। मानव को परमात्मा ने कर्म करने का अधिकार दिया है। रविवार को कथा की ज्योति कमल अग्रवाल ने जलाई।

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