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    ब्ल्ड बैंक पर दूसरे दिन भी लगा ताला, रक्त लेने के लिए भटकते रहे लोग

    अबोहर के सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक की बीटीओ को फाजिल्का भेजने से अबोहर के सरकारी अस्पताल का ब्लड बैंक दूसरे दिन भी बंद रहा

    By JagranEdited By: Updated: Thu, 25 Aug 2022 10:02 PM (IST)
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    ब्ल्ड बैंक पर दूसरे दिन भी लगा ताला, रक्त लेने के लिए भटकते रहे लोग

    संवाद सहयोगी, अबोहर : अबोहर के सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक की बीटीओ को फाजिल्का भेजने से अबोहर के सरकारी अस्पताल का ब्लड बैंक दूसरे दिन भी बंद रहा, जिस कारण रक्त लेने के लिए दिनभर लोग भटकते रहे।

    गांव तुतवाला निवासी अमरजीत सिंह ने बताया कि उसकी पत्नी की डिलीवरी होनी है, जिसे वह वीरवार को अस्पताल लेकर पहुंचे तो यहां महिला रोग विशेषज्ञ ने बताया कि उसकी पत्नी का सिजेरियन करना पड़ेगा व उसमें रक्त की भी कमी है। अमरजीत सिंह ने बताया कि वह ब्लड बैंक गया तो वहां से ब्लड बैंक बंद होने का कहा गया तो वह एसएमओ डा. सुरेश से मिला जिन्होंने एक आइस बाक्स थमाते हुए फाजिल्का जाने को कहा। वह तुरंत फाजिल्का पहुंचा तो वहां से जवाब दिया गया कि यहां बी नेगेटिव ग्रुप का रक्त उपलब्ध नहीं है जिसके बाद वह अबोहर पहुंचा व एक रक्तदानी संस्था के मेंबर से संपर्क किया, जिन्होंने मलोट में अपने एक सेवादार को फोन कर रक्त उपलबध करवाने को कह दिया।

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    भारत विकास परिषद के रक्तदान प्रोजेक्ट प्रभारी रुबी दहूजा ने कहा कि फाजिल्का का ब्लड बैंक शुरू करने के लिए अबोहर का ब्लड बैंक बंद कर देना तो कोई न्याय नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे अबोहर व आसपास की काफी संख्या में मरीज प्रभावित होंगे। वह अपनी संस्था की तरफ से इस बाबत जिला प्रशासन को ज्ञापन भी देंगे। सिविल सर्जन बोले, पूरी की जा रही मरीजों की जरूरतें

    सिविल सर्जन डा. राजिदर पाल बैंस ने कहा कि डा. दीक्षी बतौर पैथोलाजिस्ट अबोहर के सरकारी अस्पताल में तैनात है व प्रसूता छुट्टी पर चल रहे है, जो लगभग 20 दिनों बाद ड्यूटी पर आ जाएंगी। उन्होंने कहा कि तब तक डा सोनिमा की निगरानी में खून दान संबंधी कैंप लगाकर की खून की सप्लाई जारी रखी जाएगी। किसी भी तरह के मरीज जिसको रक्त की जरुरत होगी उसकी जरुरत को हर हाल में पूरा किया जाएगा।

    बिना बीटीओ के नहीं किया जा सकता रक्त का आदान-प्रदान

    सरकारी अस्पताल अबोहर एसएमओ डा. सुरेश कंबोज का कहना है कि बिना बीटीओ के रक्त लेना या देना उनके अधिकार में नहीं है। उन्होंने कहा कि बिना बीटीओ के ब्लड बैंक का काम चलना मुश्किल है जिसकी तैनाती की जानी चाहिए। इस बाबत उच्च अधिकारियों को लिख दिया है व ब्लड बैंक शुरू करने के प्रयास कर रहे है।

    पत्रकार एसोसिएशन ने भी जताया रोष

    पत्रकार एसोसिएशन ने भी अबोहर का ब्लड बैंक बंद होने पर कड़ा रोष जताया है व बीटीओ को फाजिल्का शिफ्ट करने की निंदा की है। एसोसिएशन ने जिला प्रशासन, डीसी, सरकार व स्वास्थ्य मंत्री से मांग की है कि बिना किसी देरी के बीटीओ को तैनात कर यहां का ब्लड बैंक शुरू किया जाएं। देरी से रक्त मिलने पर मरीजों को हो सकता है खतरा : डा. लतिका

    नागपाल नर्सिग होम की संचालिका व महिला रोग विशेषज्ञ डा. लतिका नागपाल ने कहा कि अगर यहां से रक्त नहीं मिल पाएगा तो उनके लिए काफी परेशानी खड़ी हो जाएगी। अब तो जैसे ही कोई गर्भवती महिला उनके पास आती है या किसी की डिलीवरी या सीजेरियन वगैरह होना होता है व खून की जरुरत होती है तो यहां के सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक से ज्यादा से ज्यादा आधे घंटे में रक्त आसानी से उपलब्ध हो जाता है, लेकिन अगर मरीज को इस समय दौरान फाजिल्का जाने पड़े तो काफी मुश्किल ही नहीं खतरे वाली बात भी हो सकती है।