इंसान के लिए प्रेरणादायक है श्रीराम का चरित्र : स्वामी
श्री गोशाला प्रांगण में चल रही श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के चौथे दिन स्वामी श्रवणानंद सरस्वती ने बलि-वामन प्रसंग श्री राम चरित्र और श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाई।

संस, अबोहर : श्री गोशाला प्रांगण में चल रही श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के चौथे दिन स्वामी श्रवणानंद सरस्वती ने बलि-वामन प्रसंग, श्री राम चरित्र और श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाई।
स्वामी ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के चरित्र से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। आज का इंसान भगवान राम का एक चरित्र भी अपने जीवन में उतार ले तो उसकी जिदगी सफल हो सकती है। भगवान राम के जीवन में अनेक दुख आने पर भी उन्होंने न तो कभी धैर्य छोड़ा और न ही कभी मर्यादा का उल्लंघन किया। इसीलिए प्रभु श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। इसके साथ ही उन्होंने बलि और भगवान वामन तथा श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाई। जन्मोत्सव के अवसर पर पूरे कथा पंडाल को दुल्हन की भांति सजाया गया और बाल गोपाल का जन्म होते ही सभी श्रद्धालु खुशी से झूम उठे। कथा के दौरान 13 अक्टूबर को ऊद्धव बृज गमन और श्री कृष्ण रुकमणी के विवाह का प्रसंग सुनाया जाएगा, जबकि 14 अक्टूबर कथा विश्राम के दिन श्री सुदामा चरित्र, नवयोगेश्वर संवाद और श्री शुकदेव जी की विदाई का प्रसंग सुनाया जाएगा। कथा के मुख्य यजमान कमल मित्तल और बंशीधर मित्तल के अलावा श्री आनंद कांसल थे, जिन्होंने गोशाला के लिए एक-एक लाख रुपए का सहयोग दिया, जबकि भोजराज मित्तल की ओर से 51 हजार रुपये का सहयोग दिया गया।
मां सीता की तलाश में बेसुध हुए श्रीराम संवाद सहयोगी, अबोहर : सुनील सिनेमा के निकट चल रही रामलीला में बुधवार रात सीता हरण का शानदार मंचन किया गया। रामलीला के दौरान कलाकारों ने दिखाया कि किस प्रकार वन गमन के दौरान रावण की बहन सूर्पनखा भगवान श्री राम के रूप पर मोहित होकर उनका पीछा करती है, जबकि लक्ष्मण द्वारा सूर्पनखा का नाक काटकर उसे सजा दी जाती है।
इससे रोषित लंकेश ने श्री राम की धर्मपत्नी सीता माता का हरण करने का मन बनाया और रावण एक ब्राह्मण का भेष बदलकर जंगलों में जाते हैं और माता सीता का हरण कर उन्हें लंका ले आते हैं और श्रीराम माता सीता की तलाश में बेसुध हो जाते हैं। सेवानिवृत बैंक अधिकारी एस के मित्तल, होटल सेठी रिजेंसी के संचालक स्वीकार सेठी, पार्षद विक्की शर्मा विक्की थे जिन्होंने ज्योति प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। इसके बाद श्री हरि सकीर्तन मंडल सदस्यों ने हनुमान चालीसा का गुणगाण किया।
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