पंजाब में राजस्थान पुलिस की बड़ी कार्रवाई, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके करीबियों के घरों पर की छापामारी
राजस्थान पुलिस ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की। श्रीगंगानगर बीकानेर और अबोहर के गांवों में हुई इस कार्रवाई का उद्देश्य अपराधियों की वित्तीय गतिविधियों का पता लगाना था। पुलिस ने हवाला चैनलों के माध्यम से विदेशों में रकम भेजने की जांच की। लॉरेंस और अनमोल बिश्नोई के घरों पर 100 बीघा कृषि भूमि मिली।

संवाद सहयोगी, अबोहर (फाजिल्का)। राजस्थान पुलिस ने कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई श्रीगंगानगर, बीकानेर और अबोहर के गांवों में की गई, जिसका मुख्य उद्देश्य इन अपराधियों की वित्तीय गतिविधियों का पता लगाना था। पुलिस ने रंगदारी से वसूली गई रकम के हवाला चैनलों के माध्यम से विदेशों में ट्रांसफर करने की भी जांच की।
इस छापेमारी का नेतृत्व श्रीगंगानगर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और अन्य पुलिस अधिकारियों ने किया। छापेमारी का अभियान सुबह पांच बजे शुरू हुआ और लगभग पांच घंटे दस बजे तक चला। डॉग स्क्वॉयड, मेटल डिटेक्टर और ड्रोन से लैस पुलिस टीमों ने अपराधियों के घरों, खेतों और अन्य ठिकानों की गहन तलाशी ली। छामापामारी टीम में स्थानीय पुलिस के अलावा विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ), जिला विशेष शाखा और कालिका यूनिट की महिला कांस्टेबल भी शामिल रहीं।
कुल मिलाकर 250 से अधिक पुलिसकर्मी इस ऑपरेशन में शामिल थे। लॉरेंस के अलावा अनमोल बिश्नोई, रोहित गोदारा, अमित पंडित,योगेश स्वामी, कार्तिक जाखड़ और विशाल पचार के घरों में छापामारी के दौरान चल-अचल संपत्ति की विस्तृत जांच की, जिसमें गहने, नकदी, वाहन, कृषि उपकरण और बैंक पासबुक शामिल थे।
लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगी अनमोल बिश्नोई के अबोहर के गांव दुतारांवाली में उनके पैतृक घर पर पुलिस को 100 बीघा कृषि भूमि, ट्रैक्टर, स्कार्पियो गाड़ी और अन्य कृषि उपकरण मिले। अनमोल बिश्नोई पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित है और वह अमेरिका के एक डिटेंशन सेंटर में बंद है। लॉरेंस बिश्नोई खुद गुजरात की जेल में बंद है, लेकिन जेल से ही अपने गैंग का संचालन कर रहा है।
एक अन्य सहयोगी आरजू बिश्नोई के घर पर ताला लगा होने के कारण तलाशी नहीं हो सकी। श्रीगंगागर पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि यह कार्रवाई न केवल स्थानीय अपराध नियंत्रण में मददगार साबित होगी, बल्कि विदेशों में छिपे इन अपराधियों को प्रत्यर्पित करवाने की प्रक्रिया को भी मजबूत करेगी। इस गैंग की गतिविधियां लंबे समय से राजस्थान, पंजाब और अन्य राज्यों में फैली हुई हैं।
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