Punjab Flood: राहत बांटने आए लोगों की ‘उम्मीद’ बना सेवा स्वागत केंद्र, आसानी से पहुंच रहे आपदा प्रभावित इलाके
फाजिल्का में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए समाजसेवी संस्थाओं ने हाथ मिलाया है। जट्टवाली के पास सड़क किनारे सेवा-सहायता केंद्र स्थापित किया गया है। यह केंद्र राहत सामग्री लाने वालों के लिए ठहरने और मार्गदर्शन का प्रबंध करता है। फाजिल्का की संस्थाएं दूसरे राज्यों से आए समाजसेवकों के साथ मिलकर बाढ़ग्रस्त गांवों तक सहायता पहुंचाने में जुटी हैं।

मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का। जब-जब भी बाढ़ जैसी आपदा आई है, पंजाबी हमेशा सबसे आगे बढ़कर मदद का हाथ बढ़ाते रहे हैं। इस बार जब पंजाब पर मुश्किल आई तो तस्वीर और भी खूबसूरत हो गई है। दुख की इस घड़ी में पंजाबियों के साथ हरियाणा, राजस्थान, नोएडा, गुजरात और अन्य राज्यों से भी समाजसेवक भी राहत पहुंचाने के इस अभियान का हिस्सा बने हुए हैं।
ट्रालियों में भरकर लाई गई राहत सामग्री को सही गांवों तक पहुंचाने में इन लोगों रास्ता पता नहीं होने के कारण काफी दिक्कतें भी झेलनी पड़ रही हैं। इन हालात को देखते हुए फाजिल्का की कई समाजसेवी संस्थाओं ने मिलकर जट्टवाली के पास सड़क के किनारे सेवा-सहायता केंद्र स्थापित किया है।
यहां दूसरे राज्यों से राहत सामग्री लाने वालों के लिए न केवल ठहरने का प्रबंध किया गया है बल्कि सामान की पैकिंग में सहयोग के अलावा वितरण का सटीक मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जा रहा है।
जिले के बाढ़ ग्रस्त गांवों में हालात गंभीर हैं। करीब 32 गांवों में पानी भरा हुआ है। इन गांवों को जोड़ने वाले महज तीन रास्तों से ही राहत पहुंच रही है। राहत सामग्री लेकर दूर दराज से आए लोगों को सही जानकारी देने के लिए लिए ही फाजिल्का की ग्रेजुएशन वेलफेयर सोसाइटी, अंजुमन और अन्य समाजसेवी संस्थाओं ने मिलकर फाजिल्का फिरोजपुर रोड पर जट्टवाली के पास एक सेवा स्वागत केंद्र बनाया है।
यहां ठहरने की व्यवस्था के साथ-साथ राहत सामग्री रखने व उसे पैकिंग करके प्रभावित परिवारों तक पहुंचाने का इंतजाम किया गया है। इंजी. नवदीप असीजा ने बताया कि महज 24 घंटों में इस केंद्र का निर्माण कर दिया गया, जहां नवीन कौशल की मदद से 20 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। अब तक 70 लोग यहां रुककर लाभ उठा चुके हैं।
धैर्य रखें, हर गांव तक मदद पहुंचाएंगे: अमनदीप
सहायक कमिश्नर जनरल अमनदीप सिंह मावी ने कहा कि फाजिल्का प्रशासन हर समय समाजसेवियों और बाहरी राज्यों से आए स्वयंसेवकों की मदद के लिए तैयार है। इसके लिए एमआर कालेज में वेयरहाउस बनाया गया है, जहां बाहर से लाया गया लेकिन तत्काल न बंट पाया सामान सुरक्षित रखा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अब तक दो चरणों में सामग्री बांटी जा चुकी है । सभी का धन्यवाद है और वह अपील करते हैं कि कुछ दिनों का इंतजार करें। पानी उतरने के बाद हर गांव तक राहत और सटीक सहायता पहुंचाई जाएगी।
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