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    श्रद्धा, सत्संग व प्रेम से मिलते हैं परमात्मा: कमलानंद

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 13 Feb 2022 05:51 PM (IST)

    जिस घर में रामायण रहती है वहां भूत-पिशाचों का कभी वास नहीं होता। वहां दरिद्रता का वास भी कभी नहीं रहता क्योंकि वहां वीर हनुमान जी की फेरी रहती है। ...और पढ़ें

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    श्रद्धा, सत्संग व प्रेम से मिलते हैं परमात्मा: कमलानंद

    संवाद सूत्र, फाजिल्का : जिस घर में रामायण रहती है, वहां भूत-पिशाचों का कभी वास नहीं होता। वहां दरिद्रता का वास भी कभी नहीं रहता, क्योंकि वहां वीर हनुमान जी की फेरी रहती है। जितने यंत्र, मंत्र हैं वे सभी रामायण में विद्यमान हैं, जो भक्त श्री राम कथा से प्रीति करता है उसके समान कोई बड़भागी नहीं है। रामायण समान कोई भी ग्रंथ नहीं है। स्वामी कमलानंद गिरि महाराज ने यह विचार फाजिल्का के दुख निवारण श्री बाला जी धाम में दिव्य श्री राम कथा के दौरान प्रवचनों की अमृतवर्षा करते हुए व्यक्त किए। इस दौरान अशोक चुचरा, राकेश नागपाल, सतीश सेतिया, मनु सेतिया, राजेश धूड़िया ने मुख्य यजमान में पहुंचकर पूजन करवाया व स्वामी जी को मालार्पण की।

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    स्वामी कमलानंद ने कहा कि जब तक तीन चीजें एक साथ न हों तब तक श्री राम कथा समझ में नहीं आती है। सबसे पहले श्रद्धा, दूसरा सत्संग और तीसरा परमात्मा प्रति प्रेम होना। श्रद्धा, सत्संग और ईष्ट प्रेम जब मिले तो राम कथा समझ में आती है। ऐसा रामायण में लिखा है, जिन्हें श्री राम के प्रति प्रेम नहीं है। प्रीति भाव नहीं है। सत्संग में प्रीति व श्रद्धा नहीं है, उन्हें ये कथा समझ नहीं आती है। स्वामी कमलानंद महाराज ने हनुमान जी की महिमा बताते हुए हनुमान जी के भक्तों के लिए कुछ कड़े पूजन नियम भी बताए। स्वामी जी ने कहा कि हनुमान जी को प्रसाद में बूंदी के लड्डू अति प्रिय हैं किन्तु शुद्ध देसी घी द्वारा निर्मित होने चाहिए। हनुमान जी की पूजा करते समय ब्रह्मचर्य का पालन अति आवश्यक है। हनुमान जी की उपासना के सनातन धर्म के अनुसार शुभ दिन मंगल और शनिवार है। उन्होंने बताया कि कलयुग में श्री हनुमान जी लोक कल्याण के लिए यंत्र तंत्र सर्वत्र भ्रमण करते रहते हैं। उनकी उपासना करने वाला कभी दुखी या बीमार नहीं रह सकता। हनुमान जी की कृपा से उनके भक्त हमेशा तंदुरुस्त रहते हैं।

    16 फरवरी को निकाली जाएगी प्रभातफेरी

    मंदिर कमेटी के महासचिव नरेश जुनेजा ने बताया कि वार्षिक महोत्सव कार्यक्रम 17 फरवरी तक चलेगा। इस उपलक्ष्य में 16 फरवरी को सुबह पांच बजे प्रभातफेरी निकाली जाएगी। इस प्रभातफेरी के दौरान 17 फरवरी को वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में भाग लेने का आमंत्रण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कथा 16 फरवरी तक चलेगी और कथा का समय सायं साढ़े तीन से सवा छह बजे तक होगा। आयोजन में कोषाध्यक्ष अश्वनी बांसल, सचिव नरेश अरोड़ा, उत्सव कमेटी के प्रधान राकेश धवन, उत्सव कमेटी के प्रधान अशोक चुचरा, बाला जी फेरी संघ के अध्यक्ष किरण चोपड़ा, प्रैस सचिव सुधीर सिडाना आदि द्वारा सहयोग किया जा रहा है।