आधारशिला स्कूल के शिक्षक लंच बॉक्स भूल जाएं, हेलमेट पहनना नहीं भूलते
अबोहर: सीतो रोड पर कुछ समय हुए दु:खद सड़क हादसे ने आधारशिला प्ले वे स्कूल के ¨प्रसिपल राजीव गुप्ता को ऐसा झकझोरा कि उन्होंने अपने स्कूल में सभी टीचर्स ...और पढ़ें

दीपक पोहिया, अबोहर: सीतो रोड पर कुछ समय हुए दु:खद सड़क हादसे ने आधारशिला प्ले वे स्कूल के ¨प्रसिपल राजीव गुप्ता को ऐसा झकझोरा कि उन्होंने अपने स्कूल में सभी टीचर्स और पेरेंट्स के लिए हेलमेट अनिवार्य कर दिया। अब उनके स्कूल में कोई भी शिक्षक भले ही अपने खाने का डिब्बा घर भूल आए, लेकिन सिर पर हेलमेट लगाकर आना बिल्कुल नहीं भूलता। स्कूल में कुल 40 अध्यापक-अध्यापिकाएं हैं, जिन्में से करीब 25 ने दोपहिया वाहन रखें हैं, जो वाहन चलाते वक्त हेलमेट जरूर पहनते हैं। यहां पढ़ने वाले सभी स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स को भी स्कूल प्रशासन हेलमेट पहनने का पाठ पढ़ा रहा है, जिसका असर भी होने लगा है। ¨प्रसिपल गुप्ता कहते हैं कि अबोहर जैसे शहर के किसी स्कूल में इसे लागू करवाना इतना आसान नहीं था, क्योंकि ज्यादातर लोग बिना हेलमेट के वाहन चलाने के आदी हैं। ऐसी स्थिति में ट्रैफिक पुलिस उनपर कोई सख्त कार्रवाई भी नहीं करती। उन्होंने कहा कि हादसा कभी, किसी के साथ कहीं भी हो सकता है। दुर्घटना बताकर नहीं घटती। ऐसे में अगर हेलमेट को सुरक्षा कवच बना लिया जाए तो बहुत सी ¨जदगियां बच सकती हैं। पिछले एक सप्ताह से ही हर रोज सिर पर हेलमेट लगाकर आ रहीं टीचर निशा कहती हैं कि शुरुआत में जब हेलमेट का नियम अनिवार्य किया गया था तो थोड़ा अजीब लगा, क्योंकि पंजाब में शायद ही ऐसा कोई स्कूल हो जहां इस तरह का नियम लागू किया गया है। लेकिन जब हमने कुछ दुर्घटनाओं को याद किया तो हमें भी लगने लगा कि वास्तव में हेलमेट कितना जरूरी है। एक अन्य टीचर शीतल ने बताया कि अब सिर पर हेलमेट होने से वे सुरक्षित महसूस करती है।
सभी स्कूलों में लागू किया जाना चाहिए नियम
¨प्रसिपल राजीव गुप्ता कहते हैं कि सरकार को स्कूलों में टीचर्स के लिए हेलमेट अनिवार्य करना चाहिए। इसके बाद अन्य संस्थान भी ऐसा करने लगेंगे। उन्होंने कहा कि अगर बड़े संस्थानों में भी हेलमेट का नियम बना दिया जाए तो देखते ही देखते ये सबके लिए आदत बन जायेगा।
सड़क हादसों में हर साल जाती हैं कई जानें
सिर पर हेलमेट न होने के कारण हर साल अनेक लोगों को असमय मौत अपने आगोश में ले लेती है। ज्यादातर हादसों में सिर की चोट ही मौत का कारण बनती है। शरीर के बाकी हिस्सों में चोट लग जाए तो जान बच सकती है लेकिन सिर पर चोट लगने से दुर्घटनाग्रस्त हुए व्यक्ति को बचाना बहुत मुश्किल होता है। शायद इसीलिए आधारशिला स्कूल के इस ठोस कदम की चहुंओर तारीफ हो रही है।

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