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    फाजिल्का में परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, तीन साल पहले मां तो अब बाढ़ में सांप के डसने से पिता की मौत

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 10:13 AM (IST)

    फाजिल्का जिले के बाढ़ग्रस्त गांव रेतेवाली भैणी में सांप के डसने से 45 वर्षीय वजीर सिंह की मौत हो गई। तीन साल पहले मां को खो चुके उनके चार बच्चे अनाथ हो गए हैं। वजीर सिंह परिवार का एकमात्र सहारा थे। बाढ़ के कारण गांव में अंतिम संस्कार करना भी मुश्किल था। मंत्री और विधायक ने शोक व्यक्त किया और सहायता का आश्वासन दिया।

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    तीन साल पहले मां तो अब बाढ़ में सांप के डसने से पिता की मौत।

    जागरण संवाददाता, फाजिल्का। जिले के बाढ़ प्रभावित गांव रेतेवाली भैणी में शुक्रवार को सांप के डसने से घायल हुए 45 वर्षीय ग्रामीण वजीर सिंह ने शनिवार को दम तोड़ दिया। तीन साल पहले मां को खो चुके चार मासूम बच्चों के सिर से अब पिता का भी साया उठ गया है। स्वजनों और ग्रामीणों का कहना है कि यह परिवार पहले ही कई त्रासदियों का सामना कर चुका है।

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    मृतक वजीर सिंह के माता-पिता की मृत्यु पहले ही हो चुकी थी, दो भाइयों की भी क्रमशः एक्सीडेंट और बीमारी के बाद मौत हो चुकी थी। परिवार का सहारा सिर्फ वजीर सिंह ही था, लेकिन अब इस त्रासदी ने बच्चों को पूरी तरह अनाथ कर दिया है। यह हादसा न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए किसी सदमे से कम नहीं। जिले के सरहदी गांवों में बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा।

    गांव रेतेवाली भैणी के रहने वाले वजीर सिंह शुक्रवार सुबह अपने पशुओं के लिए चारा काट रहे थे, तभी अचानक चारे में छिपे सांप ने उन्हें डस लिया। परिवार ने तुरंत प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद एनडीआरएफ की टीम नाव के जरिए मौके पर पहुंची और उन्हें रेस्क्यू कर फाजिल्का के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया। वहां से प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर स्थिति को देखते हुए स्थानांतरित किया गया।

    निजी अस्पताल के डाक्टर के अनुसार वजीर सिंह को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था, लेकिन रात करीब 11 बजे हालत और बिगड़ गई। देर रात उन्हें बठिंडा रेफर किया गया, लेकिन व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। रेतेवाली भैणी गांव पूरी तरह बाढ़ की चपेट में है। गांव में पानी हर जगह भरा हुआ है, यहां तक कि श्मशान घाट भी डूबा हुआ है। गांव नवां हस्ता के पूर्व सरपंच गुलशेर सिंह ने बताया कि इस स्थिति में नाव के जरिए शव ले जाना बेहद मुश्किल था और पारंपरिक स्थान पर अंतिम संस्कार करना संभव नहीं था।

    इसी कारण वजीर सिंह का अंतिम संस्कार गांव नवां हस्ता में किया जाएगा।मंत्री व विधायक ने जताया शोक, दिया आश्वासनइस घटना की जानकारी मिलने पर पंचायत मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद व विधायक नरेंद्रपाल सिंह सवना ने अस्पताल पहुंचकर स्वजनों के साथ शोक जताया और उन्हें हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। बाढ़ग्रस्त इलाकों में जहरीले जीव-जंतुओं का खतरा बढ़ गया है, जिसे देखते हुए एनडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांवों में लगातार चौकसी कर रही हैं।

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