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    Punjab News: सरकारी नौकरी का झांसा देकर साढ़े चार लाख की ठगी; थमा दिया फर्जी नियुक्ति पत्र

    फिरोजपुर में नौकरी दिलाने के नाम पर एक युवक से साढ़े चार लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। आरोपी ने खुद को अफसर बताकर पीड़ित को फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिए। पीड़ित ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपी ने नौकरी लगवाने के नाम पर युवक से पैसे लिए थे पर नौकरी नहीं मिली।

    By mohit Kumar Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 04 Jul 2025 07:48 PM (IST)
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    सरकारी नौकरी के नाम पर ठग लिए लाखों रुपये। सांकेतिक फोटो

    संवाद सूत्र, जलालाबाद (फाजिल्का)। सरकारी अस्पताल फिरोजपुर में नौकरी दिलाने के नाम पर एक युवक से साढ़े चार लाख रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है। आरोपित ने खुद को कई वरिष्ठ अधिकारियों के करीबी बताते हुए पीड़ित को झांसे में लिया और फर्जी नियुक्ति पत्र व जाली दस्तावेज थमा दिए।

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    काफी समय तक बहलाने के बाद भी जब नौकरी नहीं मिली और पैसे भी वापस नहीं हुए, तो पीड़ित ने थाना अरनीवाला में शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

    शिकायतकर्ता मनप्रीत सिंह निवासी गांव बाघेवाला उर्फ सामा खानका, जिला फाजिल्का ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह मैट्रिक पास है और उसकी सगाई सायना अरोड़ा से हुई थी, जिसके साथ अब उसकी शादी हो गई है।

    कुछ समय पहले उसके गांव के एक युवक ने उसे बताया कि एक व्यक्ति स्वर्ण सिंह सरकारी विभागों में नौकरियां लगवाने में सक्षम है क्योंकि वह बताता है कि उसके कई बड़े अधिकारियों से अच्छे संबंध हैं। इस पर मनप्रीत ने स्वर्ण सिंह से संपर्क किया और उसके साथ साथ सायना अरोड़ा को सरकारी अस्पताल फिरोजपुर में नौकरी दिलाने की बात कही।

    स्वर्ण सिंह ने कहा कि वह दोनों की सरकारी नौकरी लगवा देगा लेकिन इसके लिए उसे 4 लाख 30 हजार रुपये देने होंगे। आरोपित ने यह भी वादा किया कि कुछ ही समय में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। पीड़ित के अनुसार वर्ष 2024 में स्वर्ण सिंह गांव बाघेवाला आया, जहां उसने स्वर्ण सिंह को 4.30 लाख रुपये नकद दे दिए।

    इसके कुछ समय बाद आरोपित ने उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र थमाए और भरोसा दिलाया कि जल्द ही सरकारी नौकरी मिल जाएगी। हालांकि महीनों तक इंतजार करने के बावजूद न तो किसी सरकारी विभाग से कोई कॉल आया और न ही किसी तरह की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई। बार-बार पूछने पर भी स्वर्ण सिंह सिर्फ आश्वासन देता रहा और बहाने बनाता रहा।

    जब पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ, तो उसने अपने गांव में पंचायत बुलाई और आरोपित से अपनी रकम वापसी की मांग की। स्वर्ण सिंह ने पैसे लौटाने का वादा किया, लेकिन आज तक कोई रकम वापस नहीं की। आखिरकार उसने थाने में लिखित शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई, जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। जांच अधिकारी गुरदेव सिंह ने बताया कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।