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    कुलगाम में शहीद हुए पंजाब के सपूत हरमिंदर सिंह पंचतत्व में विलीन, बहन ने नम आंखों से बांधी भाई को आखिरी राखी

    Updated: Sun, 10 Aug 2025 07:04 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों से लड़ते हुए फतेहगढ़ साहिब के सिपाही हरमिंदर सिंह शहीद हो गए। रक्षाबंधन के दिन उनका पार्थिव शरीर उनके गांव बदीनपुर पहुंचा जहाँ सैन्य और राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी बहन ने उन्हें राखी बांधी और पिता ने मुखाग्नि दी। हरमिंदर सिंह अमर रहे के नारों से गांव गूंज उठा।

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    कुलगाम में शहीद हुए पंजाब के सपूत हरमिंदर सिंह पंचतत्व में विलीन (जागरण फोटो)

    नवनीत छिब्बर, हितेश शर्मा, मंडी गोबिंदगढ़। दक्षिण कश्मीर में कुलगाम के अक्खाल जंगल में पाक पोषित आतंकियों के साथ मुठभेड़ में बलिदान हुए फतेहगढ़ साहिब के गांव बदीनपुर के सिपाही हरमिंदर सिंह का रविवार को पूरे सैन्य व राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

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    सेना की 19वीं आर्म्ड फोर्स के लेफ्टिनेंट सुमित कुमार की अगुवाई में सेना का दस्ता रविवार सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर तिरंगे में लिपटी बलिदानी सिपाही की पार्थिव देह लेकर बदीनपुर पहुंचा।

    आंखों में आंसू और हाथों में फूल लिये स्वजन व ग्रामीण बलिदानी हरमिंदर सिंह की पार्थिव देह का इंतजार कर रहे थे। हजारों लोगों ने नम आंखों के साथ बलिदानी को अंतिम विदाई दी।

    रक्षा बंधन की सुबह बलिदान हुआ हरमिंदर सिंह

    बता दें कि शनिवार 9 अगस्त रक्षाबंधन की सुबह 7:30 बजे परिवार को सिख फोर्स ट्रेनिंग रेजिमेंट के 26 वर्षिय सिपाही हरमिंदर सिंह के बलिदान की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। लोग बलिदानी की पार्थिव देह का इंतजार कर रहे थे।

    रविवार सुबह से ही आसपास के गांवों सहित जिले भर से लोग बलिदानी के गांव बदीनपुर में जुटने शुरू हो गए थे। सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर फूलों से सजे सैन्य वाहन में बलिदानी की पार्थिव देह बदीनपुर पहुंची तो पुष्पवर्षा के बीच "बलिदानी हरमिंदर सिह अमर रहे" के नारों से गांव की गलियां गूंज उठीं।

    पार्थिव देह के घर पहुंचते ही मां गुरमीत कौर, बहन संदीप कौर, पिता जसवंत सिंह व स्वजनों के विलाप से वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखों से अश्रुधारा बह निकली।

    बलिदानी हरमिंदर सिंह की शवयात्रा उनके घर से दोपहर 12 बजे शुरू हुई। जो 12:15 बजे गांव के श्मशानघाट पहुंची। जहां सेना की 19वीं आम्र्ड फोर्स के जवानों ने अपने बलिदानी साथी को अंतिम सलामी दी। इसके बाद पिता जसवंत सिंह ने बलिदानी की पार्थिव देह को मुखाग्नि दी।

    बहन ने बांधी राखी, मां ने बांधा सेहरा, नहीं पहुंच सका छोटा भाई

    बलिदानी की पार्थिव देह घर पहुंची तो विलाप करती मानसिक तौर पर बिमार बहन संदीप कौर ने भाई को आखिरी बार राखी बांधी।

    तो वहीं रोती बिलखती मां गुरमीत कौर ने बेटे की पार्थिव देह को सेहरे से सजाया। बलिदानी हरमिंदर सिंह का छोटा भाई गुरनाम सिंह पिछले कुछ समय से ग्रीस में मजदूरी कर रहा है। वह अपने बड़े भाई को अंतिम विदाई देने के लिये नहीं पहुंच सका।

    एसडीएम, डीएसपी और विधायक पहुंचे श्रद्धांजलि भेंट करने

    जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम अमलोह चेतन बांगड, जिला पुलिस की ओर डीएसपी गुरदीप सिंह व सरकार के नुमाइंदे के तौर पर अमलोह के विधायक गुरिंदर सिंह गैरी वडिंग श्रद्धांजलि भेंट करने पहुंचे।

    जिला सैनिक कल्याण विभाग के कमांडर बलजिंदर सिंह विर्क व आम आदमी पार्टी के नेता गुरप्रीत सिंह जीपी व मार्केट कमेटी मंडी गोबिंदगढ़ के चेयरमैन जगदीप सिंह चट्ठा सहित बदीनपुर व आसपास के गांवों के सरपंच, पंच व अन्य लोगों ने बड़ी संख्या में बलिदानी को श्रद्धांजलि भेंट की।

    विधायक, एसडीएम व डीएसपी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा परिवार को एक करोड़ की सम्मान राशि, परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी के साथ ही हर संभव सहायता प्रदान की जायेगी। विधायक ने बलिदानी सिपाही के गांव बदीनपुर में यादगारी गेट बनवाने का आश्वासन भी दिया।