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    नेत्रदान कर दो लोगों की अंधेरी दुनिया करें रोशन

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 25 Aug 2022 06:59 PM (IST)

    सेहत विभाग की ओर से नेत्रदान को लेकर आठ सितंबर तक नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है।

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    नेत्रदान कर दो लोगों की अंधेरी दुनिया करें रोशन

    संवाद सहयोगी, फतेहगढ़ साहिब : सेहत विभाग की ओर से नेत्रदान को लेकर आठ सितंबर तक नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसे लेकर सिविल अस्पताल फतेहगढ़ साहिब में जागरूकता सेमिनार लगाया गया। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को नेत्रदान के प्रति जागरूक करना था ताकि मृत्यु के बाद आपकी दान की गई आंखों से कोई दूसरा इस दुनिया को देख सके।

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    जिला टीकाकरण अधिकारी डाक्टर राजेश कुमार, जिला शिक्षा व सूचना अधिकारी करनैल सिंह, बलजिंद्र सिंह, अमनदीप सिंह, बलजीत सिंह, जसप्रीत कौर, गगनदीप सिंह सहित दूसरे सेहत अधिकारी ने कहा कि मृत्यु उपरात दान की गई आखों से दो लोगों की अंधेरी दुनिया रोशन हो सकती है। इस नेक कार्य के लिए सभी लोगों में जागरूकता जरूरी है।

    आंखों के विशेषज्ञ डाक्टर जसप्रीत सिंह व डाक्टर अमनदीप कौर हंस ने लोगों को आखों की संभाल को लेकर जागरूक किया तथा कहा कि नजर कायम रखने के लिए विटामिन ए से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए। जिनमें हरी सब्जिया, ताजा फल व ऐसे कई दूसरे आहार शमिल हैं। इस दौरान आठ लोगों ने नेत्रदान के फार्म भी भरे। इस मौके पर जिला परिवार भलाई अधिकारी डाक्टर सुरेंद्र सिंह का कहना है, अधिकतर मामलों में हर कोई नेत्रदान कर सकता है। ये लोग नहीं कर सकते आंखें दान

    सीनियर मेडिकल अधिकारी डाक्टर हरचंद सिंह ने बताया कि आखें मृत्यु के चार से छह घंटे के बीच निकाल लेनी चाहिए। इसके लिए नजदीकी आई बैंक से संपर्क करना चाहिए। मृतक के घर वालों को मृतक की आखों पर रुई लगा देनी चाहिए। साथ ही मृतक के सिर को छह इंच ऊंचा कर देना चाहिए ताकि आखों से खून न निकले। सिर को साफ पालीथीन और बर्फ से कवर कर देना चाहिए। जब तक कोई मेडिकल टीम घर नहीं पहुंचती है तब तक आखों में एंटीबायोटिक ड्राप डाल देनी चाहिए और पंखे को बंद कर देना चाहिए। पीएचसी चरनारथल में लगा सेमिनार

    संवाद सहयोगी, फतेहगढ़ साहिब : प्राइमरी हेल्थ सेंटर चरनारथल में आखों की संभाल व आखों के दान को लेकर मनाए जा रहे पखवाड़े के तहत सेमिनार लगाया गया। एसएमओ डा. रमिंद्र कौर ने कहा कि देश में 15 मिलियन लोगों को आखों की जरूरत है जो बचपन से ही या फिर किसी हादसे में अंधेपन का शिकार हुए हैं। उन्होंने सभी से मृत्यु उपरात आखों के दान करने का प्रण लेने को कहा तथा लोगों की ओर से आखों के दान के लिए फार्म भी भरे गए।