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    Punjab News: सालभर से बंद पड़े शौचालय में नरकंकाल मिलने से हड़कंप, जांच के लिए भेजा गया फॉरेंसिक लैब; पढ़िए क्या बोले अधिकारी

    Updated: Thu, 19 Dec 2024 10:58 AM (IST)

    फतेहगढ़ साहिब में सरकारी लापरवाही का नया मामला सामने आया है। शहीदी सभा की तैयारियों के दौरान पब्लिक टॉयलेट खोला गया तो अंदर से नरकंकाल मिला। लाश को दी ...और पढ़ें

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    गुरुद्वारा श्री ज्योति स्वरूप साहिब के बाहर का पब्लिक टायलेट, जहां नरकंकाल बरामद हुआ।

    नवनीत छिब्बर, फतेहगढ़ साहिब। सरकारी लापरवाही का नया उदाहरण, जिले के वाटर सप्लाई एंड सेनिटेशन विभाग ने दिया है। शहीदी सभा की तैयारियों के बीच पब्लिक टॉयलेट खोला तो अंदर से नरकंकाल मिला। लाश को दीमक खा गई थी। 39-39 लाख की औसतन लागत से बने पब्लिक टायलेट ब्लॉक पहले ही साल विभागीय लापरवाही के चलते कब्रगाह साबित हो गये। अब विभाग अपनी जिम्मेदारी से बचता और कहानियां गढ़ता नजर आ रहा है।

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    शहीदी सभा के दौरान लाखों की तादात में पहुंचने वाली संगत की सहूलियत के लिए 6 करोड़ 64 लाख की लागत से 17 टॉयलेट ब्लॉक पिछले साल बनवाये गये थे। जिनके संचालन और रखरखाव का जिम्मा वाटर सप्लाई और सेनिटेशन विभाग के पास है।

    अब शहीदी सभा से पहले तैयारियों के क्रम में विभाग ने इन पब्लिक टायलेट्स को भी साफ सफाई के लिये खोला। बीती 10 दिसंबर को गुरुद्वारा श्री ज्योति स्वरूप साहिब के सामने बने टॉयलेट ब्लॉक को खोला गया तो वहां एक लाश मिली। जिसे दीमक खा गई थी, लिहाजा वह नर कंकाल में तब्दील हो चुकी थी।

    शव को खा गई दीमक

    विभाग ने पुलिस को सूचना दी और कागजी कार्रवाई कर गुपचुप ढंग से नरकंकाल को वहां से हटा दिया। नरकंकाल को सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया। शुरुआती पोस्टमार्टम के बाद नरकंकाल को फॉरेंसिक जांच के लिये एसएफएल खरड़ भेज दिया गया।

    लाश को दीमक के खा जाने के कारण उसके पास से शिनाख्त लायक कुछ नहीं मिल सका। नरकंकाल के पास से पुलिस को एक बैग भी बरामद हुआ है। मामले की जांच कर रहे थाना फतेहगढ़ साहिब के एएसआई लखबीर सिंह ने बताया कि कंकाल के पास से ऐसा कुछ भी बरामद नहीं हुआ, जिससे उसकी शिनाख्त हो सके।

    उधर, एसएमओ डॉ. केडी सिंह ने बताया कि नरकंकाल का परिक्षण करने के बाद फॉरेंसिक जांच के लिये भेज दिया गया है। शव कई माह पुराना हो सकता है, रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में दावे से कुछ कहा जा सकता है।

    वाटर सप्लाई एंड सेनिटेशन विभाग नहीं ले रही जिम्मेदारी

    करोड़ों की लागत से संगत की सुविधा के लिए बने पब्लिक टायलेट्स के रखरखाव का जिम्मा वाटर सप्लाई एंड सेनिटेशन विभाग के पास है। जानकारी के अनुसार विभाग ने पिछले साल शहीदी सभा से पहले बन कर तैयार हुए पब्लिक टॉयलेट ब्लॉक्स को लोहड़ी के बाद बंद कर दिया था।

    जिस तरह लाश को दीमक ने खा कर नरकंकाल में तब्दील कर दिया, उससे साफ है कि शव महीनों तक वहां पड़ा रहा होगा। जिससे साफ है कि विभाग ने ग्यारह महीनों के दौरान करोड़ों की लागत से बने टायलेट्स को मेंटिनेंस और साफ सफाई तक के लिये नहीं खोला।

    साथ ही यह सवाल भी उठता है कि बंद करते समय क्या इस बात का ध्यान नहीं रखा गया कि अंदर कोई व्यक्ति है या नहीं। इन सवालों के जवाब में एक्सईएन ईशान कौशल का कहना है कि कंकाल मिलने की जानकारी तो उन्हें है, लेकिन एडिशनल चार्ज होने के कारण इससे ज्यादा जानकारी उनके पास नहीं है।

    वहीं, विभाग के एसडीओ गौतम जिंदल कहते हैं कि कुछ माह पहले ही टायलेट्स को संगत के लिये खोला गया था। हालांकि एसडीओ यह नहीं बता पाये कि कितना समय पहले टायलेट्स को संगत के लिये या फिर साफ सफाई के लिये खोला गया था।

    सरकार के पैसे व संसाधनों की बर्बादी है- लाली

    गुरुद्वारा श्री ज्योति स्वरूप साहिब के नजदीक रहने वाले और सामाजिक जत्थेबंदियों से जुड़े तिरलोचन सिंह लाली बताते हैं कि लोहड़ी के बाद बंद किये गये पब्लिक टायलेट्स को साल भर खोला ही नहीं गया।

    करोड़ों की लागत से संगत की सुविधा के लिये बने टायलेट्स का रखरखाव विभाग को ठीक ढंग से करना चाहिये। पब्लिक टायलेट के अंदर से कंकाल बन चुकी लाश का मिलना विभाग की लापरवाही को दर्शाता है। साथ ही यह सरकार के पैसे व संसाधनों की बर्बादी है।

    लापरवाही सामने आती है तो बर्दाश्त नहीं की जाएगी- डीसी

    इस मामले पर डीसी डॉ. सोना थिंद का कहना है कि अभी यह मामला उनकी जानकारी में आया ही नहीं। वह पुलिस व संबंधित अधिकारियों से इसकी पूरी जानकारी लेंगी। डीसी ने कहा कि अगर किसी भी स्तर पर लापरवाही सामने आती है तो बर्दाश्त नहीं की जाएगी।