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    सुध ही नहीं..गांव चुन्नी कलां को वास्तव में गोद लेने की जरूरत

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 09 Apr 2019 07:19 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में देश की सत्ता संभालते ही सभी सांसदों को विकास से पिछुड़े किसी एक गांव को गोद लेने का आहवान किया था। फतेहगढ़ साहिब लोकसभा हलका के हिस्से आए गोद के गांव चुन्नी कलां को यहां के सांसद ने गोद नहीं लिया था।

    सुध ही नहीं..गांव चुन्नी कलां को वास्तव में गोद लेने की जरूरत

    लखवीर सिंह लक्की, फतेहगढ़ साहिब

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में देश की सत्ता संभालते ही सभी सांसदों को विकास से पिछड़े किसी एक गांव को गोद लेने का आह्वान किया था। फतेहगढ़ साहिब लोकसभा हलका के हिस्से आए गोद के गांव चुन्नी कलां को यहां के सांसद ने गोद नहीं लिया था। आम आदमी पार्टी से निष्काशित सांसद हरिदर सिंह खालसा इस गांव को शुरु से ही गोद लेने से नकारते आए हैं। सांसद का कहना था कि पूरे हलके में उनके पास 1200 गांव और भी हैं वे एक गांव में सरकारी ग्रांट का पैसा नहीं लगा सकते।

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    अगर गांव के गोद की हालत देखी जाए तो वास्तव में इसे गोद लेने की जरूरत है। यहां सबसे बड़ी समस्या सीवरेज के पानी की निकासी न होना, गांव में बड़े छप्पड़ की सफाई न होने से बदबूदार पानी पूरे गांव को कैंसर की बीमारी की तरह लपेटे हुए है। गांव के अंदर रिहायशी इलाके में एक ओर छप्पड़ जिसकी सफाई नहीं होती। गंदगी से भरे छप्पड़ में प्लास्टिक के लिफाफों व पानी निकासी में बड़ी बाधा डाल रहे हैं। बरसात में पानी लोगों के घरों में दाखिल हो जाता है। यहीं बस नहीं बड़े तालाब का पानी बारिश होने पर स्कूल में दाखिल हो जाता है। कच्ची गलियां-नालियां, पिछले 50 सालों से गांव में पीने वाले पानी की पाइप भी गल गई हैं। पीने वाला पानी पाईपों में मिक्स होकर लोगों को मिल रहा है। 162 वर्ष पुराने जर्जर स्कूल में हो रहा देश का भविष्य तैयार

    गांव में 1857 से बना सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल अप्रगेड तीन बार हुआ कितु इसकी ईमारत को लोक निर्माण विभाग असुरक्षित करार दे चुका है। इसी बिल्डंग के नीचे देश का भविष्य तैयार किया जा रहा है। स्कूल से पढ़े छात्र आज चीफ जस्टिस, डिप्टी कमिश्नर, विधायक, आईएएस. डाक्टर, प्रोफेसर, पुलिस अफसर बन चुके हैं।

    एक करोड़ से बदलेगी गांव की काया

    कुल मिलाकर गोद के गांव को करीब 2 करोड़ रुपये की ग्रांट से काया बदल सकेगी। गांव के नये बने सरपंच हरकंवलजीत सिंह बिट्ट सिंह का कहना है कि बस नाम का ही गोद का गांव है। पंचायत ने चार साल पहले यहां सरकारी कॉलेज बनाने को 14 एकड़ जमीन दी थी उसके बदले गांव को कुछ नहीं मिला। सबसे बड़ी समस्या गांव के दोनों बड़े छप्पड़ों की है। गंदा पानी लोगों के घरों में आ रहा है। गांव के हिस्से आती जमीन में पंचायत ने 13 दुकानें किराए पर देने के लिए बनाई हैं। इंडियन ऑयल कंपनी ने 25 के करीब गांव में सोलर लाईटें लगवाई थीं। सरकारी स्कूल की बिल्डिग 162 वर्ष पुरानी है जिसे लोक निर्माण विभाग ने असुरक्षित इमारत घोषित करार दिया है। स्कूल के सभी कमरों की जर्जर हालत खुद ब्यान कर रही है। स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि स्कूल के साथ लगते बड़े छप्पड़ की सफाई करवाई जाए बारिश में ओवर फ्लो होकर गंदा पानी स्कूल में आ रहा है।

    अब तक मिली 48 लाख ग्रांट

    चुन्नी गांव को सांसद निधि समेत अब तक 48 लाख 40 हजार 719 रुपए की विभिन्न सरकारी ग्रांट मिल चुकीं हैं। इनमें 10 लाख रुपये सांसद खालसा ने स्कूल की इमारत के लिए दिए हैं। बीडीपीओ खेड़ा ने बताया कि वर्ष 2016-17 के तहत गांव को पीआईडीबी स्कीम के तहत सड़कों के लिए 7 लाख 94 हजार रुपये की ग्रांट, 2016-17 में 14वें वित्त कमीशन के तहत गलियों नालियों के गंदे पानी की निकासी के लिए 8 लाख 10 हजार 719 रुपये की ग्रांट मिली। इसके अलावा आरडीएफ के तहत 20 लाख रुपये तथा राज्यसभा सदस्य शमशेर सिंह दूलो ने शमशानघाट के लिए 2 लाख रुपये की ग्रांट दे चुके हैं।