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Fatehgarh Sahib: राहुल गांधी ने किया सिखों की नाराजगी को दूर करने का प्रयास

कन्याकुमारी से चलकर विभिन्न राज्यों में दाखिल होने वाली राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का पंजाब में प्रवेश सादगी भरा रहा। पंजाब में पौष का महीना शोक के तौर पर मनाया जाता है। क्योंकि इसी धरती पर गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों ने अद्वितीय बलिदान दिया था।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaPublished: Wed, 11 Jan 2023 09:02 AM (IST)Updated: Wed, 11 Jan 2023 09:02 AM (IST)
Fatehgarh Sahib: राहुल गांधी ने किया सिखों की नाराजगी को दूर करने का प्रयास
राहुल गांधी ने किया सिखों की नाराजगी को दूर करने का प्रयास

फतेहगढ़ साहिब, जागरण संवाददाता : कन्याकुमारी से चलकर विभिन्न राज्यों में ढोल-ढमाके से दाखिल होने वाली राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का पंजाब में प्रवेश सादगी भरा रहा। पंजाब में पोह (पौष) का महीना शोक के तौर पर मनाया जाता है, क्योंकि फतेहगढ़ साहिब की इसी धरती पर गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों ने अद्वितीय बलिदान दिया था। राहुल गांधी ने इस सिख भावना का ध्यान रखा। इसलिए शंभू सीमा से दाखिल होने की जो योजना तैयार की थी, उसमें बदलाव कर दिया गया। राहुल गांधी अंबाला से सीधा अमृतसर स्थित श्री हरिमंदिर साहिब नतमस्तक होने चले गए।

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38 साल बाद भी कांग्रेस के प्रति एक नफरत का भाव

सिख मानस में इस तरह की मान्यता है कि किसी भी काम की शुरुआत दरबार साहिब में माथा टेकने के बाद ही शुभ मानी जाती है। एक और बड़ी वजह यह भी है कि सिखों में श्री अकाल तख्त साहिब पर 1984 में सैन्य कार्रवाई को लेकर 38 साल बाद भी कांग्रेस के प्रति एक नफरत का भाव है, खासतौर पर गांधी परिवार के प्रति। यात्रा शुरू करने से पहले राहुल गांधी ने उसी स्थान पर सबसे पहले नमन होकर सिख कार्ड खेलते हुए इस भावना को कम करने का प्रयास किया है। कांग्रेस महासचिव कैप्टन संदीप संधू का कहना है कि पंजाब में हम हर नई शुरुआत श्री दरबार साहिब से करते हैं, राहुल ने भी ऐसा ही किया है। यात्रा को सरहिंद से शुरू करने को भी इससे जोड़ा जा रहा है।

10 दिनों तक करेंगे 350 किमी की यात्रा

उल्लेखनीय है कि सरहिंद के नवाब वजीर खान ने यहां दोनों छोटे साहिबजादों को जिंदा दीवार में चुनवा दिया था। इसके बारे में सुनकर हर किसी का मन पसीज जाता है और आज भी लोग उस भावना की कद्र करते हुए अपनी रातें सर्द मौसम में जमीन पर गुजारते हैं। कोई विवाह या अन्य समारोह नहीं होता। पकवान नहीं बनाए जाते। ज्यादा उत्साह दिखाने के बजाय राहुल सरहिंद गए और वरिष्ठ नेताओं से भी ज्यादा बात नहीं की। बुधवार सुबह फतेहगढ़ साहिब के गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने के बाद राहुल सरहिंद से ही यात्रा की शुरुआत करेंगे। वह 10 दिन तक 350 किलोमीटर यात्रा करेंगे।

शिअद, भाजपा ने माथा टेकने को बताया कोरी राजनीति

भाजपा व शिअद ने राहुल के श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेकने को कोरी राजनीति बताया। शिअद सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि राहुल का स्वागत करने के बजाय उन्हें काले झंडे दिखाए जाने चाहिए। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने श्री अकाल तख्त साहिब पर हमला करवाया। कांग्रेस ने सिखों को कत्लेआम किया। आज तक किसी ने माफी नहीं मांगी। भाजपा के सिख नेता सरचंद सिंह ने श्री अकाल तख्त पर सैन्य कार्रवाई का पश्चाताप न करने पर राहुल की निंदा की।

दुर्ग्याणा मंदिर भी जाते तो अच्छा होता

अभी तक यात्रा के दौरान प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थलों में दर्शन करते आ रहे राहुल अमृतसर के श्री दुर्ग्याणा तीर्थ में नहीं गए। वहां उनकी प्रतीक्षा की जा रही थी। भाजपा व कुछ कांग्रेस नेताओं ने कहा कि श्री दरबार साहिब के साथ राहुल अगर दुर्ग्याणा मंदिर भी जाते, तो यह एक अच्छा संदेश होता। बताया जा रहा है कि वह 15 को जालंधर के देवी तालाब मंदिर जा सकते हैं। गौरतलब है कि सुनील जाखड़ ने कांग्रेस में हिंदुओं की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए भाजपा ज्वाइन कर ली थी।


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