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    'एक हफ्ते में गांव खाली करें', पंजाब के इस गांव की पंचायत का प्रवासियों को फरमान; आखिर क्यों?

    Updated: Sat, 12 Jul 2025 08:14 PM (IST)

    फतेहगढ़ साहिब के लखनपुर गरचां पत्ती गांव की पंचायत ने बिना पहचान पत्र वाले प्रवासियों को एक सप्ताह में गांव छोड़ने का आदेश दिया है। पंचायत का कहना है कि प्रवासियों से गांव में असुरक्षा और गंदगी फैल रही है साथ ही असामाजिक गतिविधियां भी बढ़ रही हैं। सरपंच ने वीडियो जारी कर फैसले का बचाव किया है जबकि कानूनी विशेषज्ञों ने इसे नागरिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है।

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    पत्रकारों से बातचीत करते हुए बरिंदर सिंह,राजवंत सिंह व अन्य गांव निवासी

    दीपक सूद, फतेहगढ़ साहिब/खमाणो। खमाणो ब्लाक के लखनपुर गरचां पत्ती गांव की पंचायत ने बिना पहचान पत्र रखने वाले प्रवासियों को एक सप्ताह के भीतर गांव छोड़ने का फरमान सुनाया है। पंचायत ने यह कदम प्रवासियों द्वारा गांव में उत्पन्न समस्या और असुरक्षा को लेकर उठाया है। पंचायत ने आरोप लगाया है कि कुछ प्रवासी युवक सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाते हैं, शराब पीते हैं और महिलाओं व बच्चों को परेशान करते हैं।

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    इसके अलावा, भांग की खेती और सेवन जैसी गतिविधियां भी बढ़ रही हैं, जिससे गांव का माहौल बिगड़ रहा है। इस फैसले के बाद गांव में चर्चा तेज हो गई है और मजदूर वर्ग में चिंता फैल गई है। वहीं, कुछ ग्रामीण इस निर्णय का विरोध भी कर रहे हैं।

    सरपंच ने जारी किया वीडियो

    सरपंच ने इस मामले पर एक वीडियो जारी कर पंचायत के पक्ष को स्पष्ट किया है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि बिना पहचान पत्र के प्रवासियों को गांव छोड़ने का आदेश संविधान और नागरिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने प्रशासन से इस मामले में उचित कार्रवाई करने की अपील की है।

    गांव के सरपंच बरिंदर सिंह और पंचायत सदस्य राजवंत सिंह का कहना है कि ये प्रवासी परिवार पहले तो धान लगाने और गेहूं की कटाई के मौसम में मजदूरी करने आए, लेकिन अब स्थायी रूप से गांव में रहने लगे हैं। यदि उनके पास आधार कार्ड या पहचान पत्र होते तो स्थिति अलग होती, लेकिन इनकी पहचान न होने से कानून व्यवस्था पर संकट खड़ा हो गया है।

    पंचायत ने प्रशासन से की अपील

    पंचायत ने प्रशासन से अपील की है कि वह गांव में अपराध, नशे और असामाजिक गतिविधियों के डर को देखते हुए प्रवासी परिवारों को हटाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि यदि कोई जमींदार इन प्रवासी मजदूरों को अपने मोटर या खेतों पर काम पर रखना चाहता है, तो वह ऐसा कर सकता है, लेकिन केवल पहचान पत्र लेकर और पूरी जिम्मेदारी के साथ। खमाणों की एसडीएम मनप्रीत राणा से ने कहा कि उनको इस प्रस्ताव के बारे में कुछ भी नहीं पता है वह बीडीपीओ से बात कर पता करेंगे।

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