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    पवन गोयल को हिदू चेहरा व पार्टी से जुड़े रहने का मिला इनाम

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 20 Jul 2021 07:30 PM (IST)

    आगामी विधानसभा चुनाव में जातिगत समीकरण साधने के लिए कांग्रस ने किया पूरा प्रयास

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    पवन गोयल को हिदू चेहरा व पार्टी से जुड़े रहने का मिला इनाम

    प्रदीप कुमार सिंह, फरीदकोट :

    आगामी विधानसभा चुनाव में जातिगत समीकरण साधने के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपनी बदली रणनीति के तहत प्रदेश का प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को नियुक्त करने के साथ ही चार कार्यकारी अध्यक्षों को भी नियुक्त किया है। इनमें हिदू सवर्ण वर्ग से आने वाले जैतो निवासी टकसाली कांग्रेस नेता पवन गोयल को भी पार्टी ने कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है।

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    पूर्व कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ को पार्टी प्रदेश प्रधान पद से हटाए जाने के बाद मालवा में पार्टी हिदू मतदाताओं तक अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए पवन गोयल को कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी देकर बड़ा दांव खेला है। लो प्रोफाइल में हमेशा रहने वाले पवन गोयल के लिए पार्टी का उक्त फैसला जितना चौकाने वाला है, शायद उतना ही उनके समर्थकों व उनके विरोधियों के लिए भी। हालांकि पवन गोयल वर्तमान समय में फरीदकोट जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन हैं राजनीति पिता से विरासत में मिली हुई है।

    गोयल के पिता स्व. लाला भगवान दास पूर्व मुख्यमंत्री दरबारा सिंह की कैबिनेट का हिस्सा रहे है, वह खाद्य आपूर्ति मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं प्रदेश को दिए हैं। स्व. लाला भगवान दास कोटकपूरा विधानसभा हलके से पहली बार चुनाव लड़े थे, और प्रदेश सरकार में वह कैबिनेट मंत्री बने। हालांकि उसके बाद उनका टिकट काट कर पार्टी ने पूर्व मंत्री उपेन्द्र शर्मा को कोटकपूरा से अपना उम्मीदार बनाकर चुनाव मैदान में उतारा था।

    पवन गोयल ने भी अपनी राजनीतिक पारी यूथ कांग्रेस से शुरु की, बाद में वह कुछ सालों तक फरीदकोट जिला कांग्रेस के प्रधान भी रहे, वर्तमान समय में वह फरीदकोट जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन है। गोयल साफ-सुथरी राजनीति करने के साथ, विवादों से दूर रहे है, और हमेशा पार्टी के वफादार सिपाही के रूप में कार्य किया है।

    मालवा की सियासत को नजदीक से समझने वालों का मानना है कि पवन गोयल को प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस पार्टी ने हिदुओं खास कर बनिया बिरादरी जिसकी संख्या शहरों में ज्यादा है, उसे साधने का काम किया है। पार्टी ने अपने शहरी मतदाताओं पर मजबूत पकड़ बनाए रखने के लिए गोयल के माध्यम से बड़ा संदेश दिया है। फरीदकोट ही नहीं आसपास के जिलों में गोयल वर्ग के लोगों की खासी आबादी है, और इन लोगों का इस क्षेत्र में खासा प्रभाव भी है। हालांकि अब यह देखने वाली बात होगी कि पार्टी के नव-नियुक्त प्रधान सिद्धू, अपने साथ पार्टी द्वारा नियुक्त किए गए कार्यकारी प्रधानों से क्या और कैसा काम लेते है, और यह लोग कितने प्रभावी उनके लिए होते है। पवन गोयल पार्टी के फैसले से गदगद है और कह रहे है कि पार्टी ने जो भी उन्हें जिम्मेदारी दी है, उस पर वह पूरी तरह से खरे उतरने की कोशिश करेंगे।

    सांसद के सामने अब होंगे गोयल

    जैतो में राजनीति कांग्रेस दो धड़ों में बंटी है, एक धड़ा सांसद मोहम्मद सदीक के साथ है तो दूसरा धड़ा फरीदकोट के विधायक कुशलदीप सिंह ढिल्लो के साथ। ढिल्लों के करीबियों में पवन गोयल भी है। ढिल्लों व सांसद के बीच कड़वाहट उस समय जग जाहिर हुई जब सासंद द्वारा ढिल्लों पर अपने क्षेत्र में मनमानी करने का आरोप लगाया गया, इन आरोपों का जबाव देने के लिए पवन गोयल मैदान में उतरे थे। सासंद को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह का करीबी माना जाता है, ऐसे में देखने वाली बात होगी कि आने वाले दिनों में क्या बदलाव जैतो व फरीदकोट की सियासत में देखने को मिलेंगे।