दिव्यागों को अधिक प्यार व अपनेपन की जरूरत
नेचुरल केयर चाइल्ड लाइन की टीम की ओर से दिव्यांग बच्चों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम करवाया गया।
संवाद सहयोगी, फरीदकोट
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से संचालित नेचुरल केयर चाइल्ड लाइन की टीम ने वर्ल्ड विजन इंडिया टीम के सहयोग से जिला परिषद ने दिव्यांग बच्चों पर ट्रेनिग रखी गई। इसमें 24 गांवों में दिव्यांग बच्चे और उनके माता-पिता पहुंचे।
रिसोर्स पर्सन सोशल वर्कर खुशवंत सिंह बराड़, डीसीपीयू डिपार्टमेंट से सोशल वर्कर रमनदीप कौर बराड़, काउंसलर मालती जैन और चाइल्ड लाइन टीम को ट्रेनिग में बुलाया गया।
दिव्यांग बच्चोों के माता-पिता को बताया गया के घर में दिव्यांग बच्चे हैं तो उन्हें और भी प्यार और अपनेपन की जरूरत होती है। ऐसे बच्चो के देखभाल बड़ों से भी अधिक जिम्ेदारी भरा काम है। दिव्यांग बच्चों के अंदर आत्मविश्वास भरना, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास पेरेंट्स को बचपन से ही शुरू कर देना चाहिए। बच्चे को किसी के ऊपर हर समय न छोड़ें। उसे अपने काम खुद करने की आदत डलवाएं। इससे वो आत्मनिर्भर बनेंगे।
शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर बच्चों की तुलना दूसरे नार्मल बच्चे से करना ठीक नहीं है। उन्हें किसी दया और सहानुभूति की जरूरत नहीं, बल्कि आपके प्यार और सहयोग की जरूरत होती है। शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर बच्चे, उनसे उतनी ही अपेक्षा और उम्मीद रखनी चाहिए, जितना उनके बस में है। उनकी क्षमताओं से ज्यादा की उम्मीद रखने से निराशा हाथ लग सकती है। अपने बच्चे की क्षमताओं को आप ही भली-भांति पहचान सकते हैं। बच्चे से अधिक उम्मीदें लगाना या उसकी क्षमता से अधिक करने के लिए उस पर दबाव डालना, उसके लिए नुकसानदायक हो सकता है। इससे बच्चा डिप्रेशन का शिकार हो सकता है। पैरेंट्स का यह दायित्व बनता है कि वे अपने सभी बच्चों को आपस में मिलजुल कर रहने की सीख दें। इस बात का भी एहसास न होने दें कि शारीरिक रूप से अक्षम होने के कारण ही उसकी अधिक देखभाल की जा रही है। बच्चे मासूम होते हैं। बात-बात में निराश हो जाते हैं। जो बच्चे चलने-फिरने में असमर्थ होते हैं, अक्सर उनमें सामान्य बच्चों को देखकर हीनभावना घर कर जाती है। वो उदास रहने लगते हैं। उन्हें समझाना होगा कि जरूरी नहीं कि जो चल-फिर नहीं सकता, वो सफल नहीं हो सकता। इस बात को समझाने के लिए आप अपने बच्चे के सामने कई ऐसे दिव्यांग लोगों जो अपनी जिदगी में सफल हुए हैं, एक मुकाम हासिल किया है, उनका उदाहरण दे सकती हैं। बच्चो के माता पिता को दिव्यांग बच्चो के बारे चल रही स्कीम के बारे में भी जानकारी दी गई।
लोगो को चाइल्ड लाइन सैंटर कोआर्डिनेटर सोनिया रानी ने चाइल्ड लाइन के टोल फ्री 1098 के बारे में जानकारी दी। इस दौरान आए हुए बच्चो और उनके माता पिता को अच्छे और बुरे स्पर्श पर एनिमेशन कोमल वीडियो दिखाई गईं और दिव्यांग बच्चो को गर्म कंबल बांटे गए।
इस मौके पर वर्ल्ड विजन इंडिया टीम से सीडीसीसी अमनदीप कौर, विकास कुमार,दीपक कुमार और चाइल्ड लाइन टीम से पलविदर कौर और विकेश कुमार उपस्थिति रहे।