आवारा पशुओं की समस्या दिन-प्रतिदिन हो रही गंभीर
फरीदकोट जिले के सभी हिस्सों में एक से एक बड़ी समस्याएं मुंह बाए खड़ी है। ...और पढ़ें

प्रदीप कुमार सिंह, फरीदकोट
फरीदकोट जिले के सभी हिस्सों में एक से एक बड़ी समस्याएं मुंह बाए खड़ी है। ऐसी समस्याओं में बेसहारा पशुओं की बड़ी समस्या है। प्रतिदिन विकराल होती जा रही इस समस्या का निजात बिना राजनीतिक इच्छाशक्ति के संभव नहीं है। इसकी चपेट में आने से प्रति वर्ष सैकड़ों लोग हादसे का शिकार होते है तो कई लोगों की असमय मृत्यु हो जाती है। शहरों में ट्रैफिक जाम व गंदगी का भी यह बड़ा कारण बन रहा है।
पिछले 10 सालों में बेसहारा पशुओं की समस्या का मुद्दा विधानसभा में भी कई बार उठा, और तत्कालीन सरकारों द्वारा भी कहने व दिखाने को इस दिशा में प्रयास भी किए गए, परंतु वह प्रयास कितने सफल हुए है, यह हम सभी के सामने है। पशुओं की समस्या से किसान परेशान है, उसकी महीनों की मेहनत को यह चौपट कर रहे है, तो सड़कों पर खास कर रात के समय इनके खड़े होने या फिर बैठे रहने होने वाले हादसों से राहगीर परेशान हैं और शहरों में ट्रैफिक जाम व गंदगी भी बड़ा यह कारण बन रहे है।
अगस्त 2020 में फरीदकोट शहर में समाजसेवी संगठनों ने अपने प्रयास से फरीदकोट शहर में व्याप्त हुई बेसहारा पशुओं की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए प्रयास शुरू किए, इसके तहत 874 पशुओं को पकड़कर सरकारी गोशाला छोड़ा गया, जिसके कुछ समय तक शहरवासियों को थोड़ी राहत मिली, परंतु एक बार फिर पहले वाली स्थित बन गई। ऐसा नहीं है कि पशुओं को शिफ्ट करने के लिए प्रबंध सरकार द्वारा नहीं किए गए है। इसके लिए सरकारी गोशाला गोलेवाला में 25 एकड़ में बनाई गई है, परंतु इसमें गोवंशों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिसे देख गोभक्त दु:खी है।
गोवंशों को एक जगह पर रखे जाने की मांग लंबे समय से गोभक्तों द्वारा की जा रही है, परंतु राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा इस ओर कोई खास ध्यान नहीं दिया जा रहा है। फरीदकोट शहर में दो निजी स्तर पर गोशालाएं संचालित हो रही है, यदि वहां पर सरकार की ओर से आर्थिक मद्द की जाए तो उनकी दयनीय हालत में सुधार हो और शहर से आवारा पशुओं की समस्या भी खत्म हो।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।