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    Punjab: बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के नए वीसी बने डा. राजीव सूद, विपक्षी दलों ने साधा सरकार पर निशाना

    By Jatinder KumarEdited By: MOHAMMAD AQIB KHAN
    Updated: Wed, 07 Jun 2023 05:10 PM (IST)

    Punjab राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के नए वीसी के तौर पर डा. राजीव सूद का नाम फाइनल कर दिया था। अब केन्द्र सरकार के समक्ष डेपु ...और पढ़ें

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    डा. राजीव सूद बाबा फरीद यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ साईंसिज के नए वीसी का पदभार संभालेंगे : जागरण

    फरीदकोट, जतिंदर कुमार: फरीदकोट की बाबा फरीद यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ साईंसिज के नए वीसी डा. राजीव सूद द्वारा यहां आने के लिए केन्द्र सरकार के समक्ष डेपुटेशन के लिए आवेदन किया जा रहा है। ताकि वह शीघ्र वीसी का पदभार संभाल सकें। लेकिन यदि केन्द्र सरकार उन्हें डेपुटेशन नहीं देती तो उनकी नियुक्ति में 15 दिनों से लेकर एक माह तक का समय लग सकता है। क्योंकि इसके लिए उन्हें वीआरएस लेना होगा। जिसमें समय लग सकता है।

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    हालांकि उनका नाम फाइनल होने के पश्चात विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार पर निशाना साध दिया है। जबकि दूसरी ओर उनके यहां आने से कर्मचारियों को अपनी समस्याओं का समाधान होने की आशा बंध गई है वहीं डा. राजीव सूद को भी यहां आते ही मुंह बाए खड़ी विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

    उल्लेखनीय है कि गत् दिवस राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के नए वीसी के तौर पर डा. राजीव सूद का नाम फाइनल कर दिया था। डा. सूद देश के बेस्ट यूरोलोजिस्ट हैं और देश भर के यूरोलोजिस्ट के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनकी नियुक्ति के पश्चात हालांकि उनके आने की प्रतीक्षा सभी को है परन्तु वह कब अपना पदभार संभालेंगे यह अभी तय नहीं है। क्योंकि वे केन्द्र सरकार के अधीन कार्यरत हैं और उन्हें वीआरएस लेने में पन्द्रह दिनों से एक माह तक का समय लग सकता है। लेकिन डा. राजीव सूद द्वारा शीघ्र नियुक्ति करने के उद्देश्य से सरकार से उन्हें डेपुटेशन पर यहां भेजने की अनुमति मांगी गई है।

    इस संबंध में डा. राजीव सूद ने बताया कि उन्होंने अपने कागजात इस मामले में सरकार को भेज दिए हैं और यदि वे डेपुटेशन के लिए मान जाते हैं तो वे तुरंत ज्वाईन करेंगे और तीन माह तक डेपुटेशन पर कार्य करने के पश्चात नियमित हो जाएंगे। लेकिन यदि उन्हें डेपुटेशन पर नहीं भेजा जाता तो वीरआएस लेने तक का समय उन्हें यहां आने में लगेगा।

    पंजाब के लोगों के साथ जुड़ाव

    दैनिक जागरण से फोन पर बात करते हुए डा. राजीव सूद ने बताया कि हिमाचल से हैं और 40 वर्षों से दिल्ली में हैं। लेकिन वे पंजाब आते रहते है और पंजाब के लोगों के साथ वे जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह पंजाब आना चाहते थे और अब इस तरह यहां उन्हें सेवा करने का मौका मिल रहा है यह बहुत बढ़िया बात है।

    आने से पहले समस्याएं मुंह बाए खड़ी

    वीसी राजीव सूद की नियुक्ति से स्थानीय कर्मचारियों में एक आशा की किरन जगी है। क्योंकि वे पिछले काफी समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत थे और गत् सप्ताह ही उनके द्वारा दो दिन की हड़ताल भी की गई थी। जिसमें डाक्टरों व कर्मचारियों की कमी के साथ-साथ वीसी की नियुक्ति की मांग भी उठाई गई थी। अब डा. राजीव सूद के आने पर उक्त मांगों के साथ-साथ विभिन्न समस्याएं मुंह बाए खड़ी हैं। जिनका हल पिछले काफी समय से लटका हुआ है।

    शिरोमणी अकाली दल ने साधा निशाना

    दूसरी ओर उनकी नियुक्ति पर विपक्षी दलों ने भी सरकार पर निशाना साध दिया है। इस संबंध में शिरोमणी अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल द्वारा किए गए ट्वीट में उन्होंने कहा है कि यह आप सरकार का बदलाव है। मुख्यमंत्री अपने राज्य के विश्वविद्यालयों में भी वीसी नियुक्त करने की अपनी शक्ति का त्याग करते हुए दिल्ली के सूबेदार के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कि बाबा फरीद के नाम पर प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व की अकाली सरकार द्वारा स्थापित इस यूनिवर्सिटी को अब दिल्ली के आकाओं के हवाले कर दिया गया है और उन्हें दिल्ली के राजीव सूद को वीसी के तौर पर नियुक्त करने की अनुमति दे दी गई है।

    कांग्रेस ने सरकार को घेरा

    इसी तरह कांग्रेसी नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने ट्वीट किया है कि भगवंत मान ने अपने दिल्ली के आकाओं के समक्ष घुटने टेक दिए हैं। उन्होंने डा. राजीव सूद को वीसी के रूप में नियुक्त करके पीजीआई के प्रतिष्ठित पंजाबी डाक्टरों की अनदेखी करने के साथ-साथ यूजीसी के दिशानिर्देशों की भी अनदेखी की है। उन्होंने कहा कि पंजाब के लगभग 35 प्रतिष्ठित मेडिकल वैज्ञानिकों ने वीसी के पद के लिए आवेदन किया था। लेकिन योग्यता के सभी दावों को नजरअंदाज करते हुए दिल्ली के एक डाक्टर को वीसी नियुक्त किया गया है। यह पंजाब के साथ घोर भेदभाव है।