Punjab News: कुत्तों के आतंक से डर का माहौल, रोज लोगों को बना रहे निशाना; हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद मुआवजे के लिए नहीं बनी समिति
पंजाब के कई राज्यों में कुत्तों का काफी आतंक है। वहीं फरीदकोट में भी प्रतिदिन इन कुत्तों की ओर से लोगों को काटने के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। कुछ दिन पहले जहां हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को डाग बाइट मामले में मुआवजा देने के निर्देश दिए थे। वहीं मुआवजा तय करने के लिए समितियां बनाने का भी आदेश दिया था।
जतिंदर कुमार, फरीदकोट। एक ओर जहां राज्य भर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ रहा है वहीं जिले में भी प्रतिदिन इन कुत्तों की ओर से लोगों को काटने के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। कुछ दिन पहले जहां हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को डाग बाइट मामले में मुआवजा देने के निर्देश दिए थे। वहीं मुआवजा तय करने के लिए समितियां बनाने का भी आदेश दिया था। परंतु हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद जिले में अभी तक समिति का गठन नहीं हो पाया है। ऐसे में इन आवारा कुत्तों का शिकार होने वाले लोगों को मुआवजा देने के निर्देश निरर्थक साबित हो रहे हैं।
हाई कोर्ट की ओर से मुआवजा दिए जाने के आदेश दिए गए थे
आवारा कुत्तों कानिशाना बनने वाले लोगों को हाई कोर्ट की ओर से न्यूनतम 10 हजार रुपये का मुआवजा दिए जाने के आदेश दिए गए थे। वहीं, जख्म के आकार के अनुसार मुआवजा तय होना था। मुआवजे संबंधी आवेदन करने के लिए हाई कोर्ट ने प्रत्येक जिले में समिति बनाने के आदेश दिए थे। इसी समिति द्वारा आवेदन की जांच करने के उपरांत चार माह के भीतर मुआवजा राशि जारी की जानी थी परंतु जिले में अब तक इस समिति का ही गठन नहीं हो पाया है।
गौरतलब है कि जिले में वर्ष 2022 में 1,156 डाग बाइट के मामले सामने आए थे जबकि 2023 में अब तक 1,168 मामले सामने आ चुके हैं। इन मामलों में सिविल अस्पतालों में वैक्सीन तो निश्शुल्क लग रही है परंतु इस कारण होने वाली परेशानी के एवज में ही सरकार को मुआवजा देने के आदेश जारी किए गए थे। हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद जिला प्रशासन की ओर से समिति का गठन न किया जाना चिंताजनक है। ऐसे में हाई कोर्ट के आदेश का क्या औचित्य रह जाता है और डाग बाइट के शिकार लोग आखिर किसके पास जाकर आवेदन करें, इसका किसी अधिकारी के पास कोई जवाब नहीं है।
हड़ताल खत्म होते ही समिति का गठन कर दिया जाएगा : डीसी
इस संबंध में जब डिप्टी कमिश्नर विनीत कुमार से बात की गई तो उनका कहना था कि आदेश आ चुके हैं परंतु पिछले लंबे समय से चल रही हड़ताल के चलते उस पर काम नहीं हो पाया और इसी कारण यह समिति नहीं बन पाई है। जैसे ही हड़ताल समाप्त होती है समिति का गठन कर दिया जाएगा ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके।
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