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सरकारी ब्रजेंद्रा कालेज में बीएससी एग्रीकल्चर दोबारा शुरू करने की मांग

विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा पंजाब को ज्ञापन सौंपा

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 04:57 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 04:57 PM (IST)
सरकारी ब्रजेंद्रा कालेज में बीएससी एग्रीकल्चर दोबारा शुरू करने की मांग

जागरण संवाददाता, फरीदकोट :

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विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा पंजाब को पत्र लिखकर फरीदकोट के गवर्नमेंट ब्रजेंद्रा कालेज में बीएससी कृषि पाठ्यक्रम को फिर से शुरू करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा है, जिसे वर्ष 2020 से बंद कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि इस संबंध में फरीदकोट विधायक गुरदित्त सिंह सेखों ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया है।

उन्होंने कहा कि महाविद्यालय के बीएससी (कृषि) पाठ्यक्रम में प्रथम वर्ष जून, 2020 और द्वितीय वर्ष में जून, 2021 में प्रवेश नहीं दिया गया, जबकि यह डिग्री पाठ्यक्रम 1972 से लगातार चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस डिग्री कोर्स में न सिर्फ क्षेत्र के बल्कि पंजाब के भी विद्यार्थी शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि यह कालेज क्षेत्र का इकलौता सरकारी कालेज है, जहां गरीब विद्यार्थीयों को कम कीमत में शिक्षा मिल सकती है। निजी कालेज प्रति वर्ष लगभग एक लाख रुपये है।

उन्होंने आगे कहा कि इस कालेज का एक भी डिग्री धारक छात्र 1972 से बेरोजगार नहीं हुआ है। 2020 और 2021 में नामांकन न होने का कारण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा कालेज में कर्मचारियों की निर्धारित संख्या यानी चा प्रोफेसरों की एक इकाई के लिए 32 शिक्षक, आठ एसोसिएट प्रोफेसर, 20 सहायक प्रोफेसर और 28 प्रशासनिक कर्मचारी थे, लैब स्टाफ ने कहा कि यह क्षेत्र के लोगों को प्रभावित करने वाले सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक था और इसे गंभीरता से हल करने का प्रयास करना उनका नैतिक कर्तव्य था। उन्होंने शिक्षा सचिव को इस मामले को सभी कोणों से देखने और पिछले दो वर्षों से लंबित समस्या का उपयुक्त समाधान खोजने को कहा।

विधानसभाध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा ने बताया कि यदि पंजाब सरकार द्वारा कोई समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। उच्च शिक्षा विभाग और पंजाबी विश्वविद्यालय पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के बीच हस्ताक्षर आदि कर ऐसी प्रशासनिक व्यवस्था की जाए ताकि यह डिग्री पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा अपनाई जा सके और बीएससी (कृषि) में प्रवेश अगला हो।


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