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    जीरकपुर दोहरे हत्याकांड के आरोपी को उम्रकैद की सजा, भरना होगा 50 हजार का जुर्माना

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 08:37 PM (IST)

    जीरकपुर दोहरे हत्याकांड में अशोक कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अदालत ने गवाहों की गवाही को विश्वसनीय माना और आरोपित की संलिप्तता को स्पष्ट रूप से सिद्ध पाया। इस मामले में अन्य तीन सह-आरोपित अभी भी फरार हैं। यह मामला 9 जुलाई 2019 को दर्ज किया गया था, जिसमें दो व्यक्तियों की हत्या हुई थी, जिसकी वजह अवैध संबंध थे।

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    जीरकपुर दोहरे हत्याकांड के आरोपी को उम्रकैद की सजा (प्रतीकात्मक फोटो)

    जागरण संवाददाता, मोहाली। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने जीरकपुर के चर्चित दोहरे हत्याकांड में बिहार निवासी अशोक कुमार पुत्र राम प्रकाश पासवान को दोषी करार देते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई है।

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    इसके साथ ही अदालत ने 50,000 का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में आरोपित को छह महीने की अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतनी होगी। न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि मामूली विरोधाभासों के बावजूद गवाहों की गवाही विश्वसनीय है और आरोपित की संलिप्तता स्पष्ट रूप से सिद्ध होती है।

    यह मामला थाना जीरकपुर में 9 जुलाई 2019 को दर्ज एफआईआर नंबर 237 से संबंधित है, जिसमें दो व्यक्तियों अजय पुत्र तिलक राज और फजलदीन पुत्र करीमुद्दीन की बेरहमी से हत्या की गई थी। फजलदीनआरएमसिंगला फार्म हाउस में चौकीदार था, जबकि अजय पास के खेतों में मवेशियों की देखभाल करता था।

    शिकायतकर्ता राजेश खान (मृतक फजलदीन का पुत्र) ने पुलिस को बताया कि उसका पिता रोजाना सुबह चाय पीता था और वह उसे चाय देने गया था। लेकिन 9 जुलाई की सुबह जब वह फार्म हाउस पहुंचा, तो वहां उसका पिता नहीं मिला। पास के खेतों में उसने देखा कि अजय खून से लथपथ चारपाई पर पड़ा था और उसके पिता की लाश खेतों में पड़ी थी।

    पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपित अशोक कुमार ने अपने तीन भतीजों सूरज, संतोष और कृष के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। हत्या की वजह अशोक कुमार की पत्नी के अजय के साथ कथित अवैध संबंधों को लेकर रंजिश थी।

    अशोक कुमार ने पुलिस को दिए बयान में स्वीकार किया कि उसने अपने भतीजों के साथ मिलकर दोनों की हत्या की। हत्या में इस्तेमाल किया गया डंडा और खून से सने कपड़े आरोपित ने परविंदर सिंह के मोटर में छिपा दिए थे, जिन्हें बाद में पुलिस ने बरामद किया।

    अदालत में कुल 17 गवाह पेश किए गए। मुख्य गवाह राज नारायण उर्फ गोपी ने घटना को अपनी आंखों से देखने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि रात करीब 2 बजे उन्होंने अशोक कुमार को डंडे से अजय और फजलदीन पर हमला करते देखा। उन्होंने यह भी बताया कि आरोपित के साथ उसके तीन भतीजे थे, जिन्होंने दोनों को पकड़ रखा था जबकि अशोक कुमार ने डंडे और ईंट से हमला किया।

    पोस्टमार्टम रिपोर्ट, फारेंसिक साक्ष्य, खून से सने कपड़े, हत्या में इस्तेमाल हथियार, और घटनास्थल से बरामद वस्तुएं अदालत में पेश की गई। मेडिकल अधिकारियों, फार्म हाउस के प्रबंधक, अन्य चौकीदारों और जांच अधिकारियों की गवाही ने अभियोजन पक्ष की कहानी को मजबूती दी।