'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट से जुड़ा था 42 लाख की जाली करंसी नोट संग काबू युवक
मोहाली में नकली नोट के साथ पकड़ा गया बीटेक कर चुका युवक पीएम के 'मेक इन इंडिया' से जुड़नेवालों की सूची में शामिल था। वह दृष्टिहीनों की मदद करने वाला उपकरण बना कर चर्चित हुआ था।

जेएनएन, चंडीगढ़। मोहाली में 2000 रुपये के नोट की 42 लाख की नकली करंसी के साथ पकड़े गए बीटेक युवक अभिनव वर्मा और उसकी कजिन विशाखा के बारे में सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। दोनों अब तक तीन करोड़ के नकली नए नोट छाप चुके थे और दो करोड़ रुपये चला चुके थे। हालांकि पुलिस अभी इसकी पुष्टि नहीं कर रही हैै। बताया जाता है कि अभिनव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' प्राेजेक्ट का हिस्सा बनाए जाने वालों की सूची में भी है।
अदालत ने तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा
42 लाख पकड़े गए तीनों आरोपियों को वीरवार को दोपहर बाद मोहाली की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उनको तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। पुलिस ने कहा कि अभी आरोपियों से कई जानकारी प्राप्त करनी है और उन लोगों के बारे में जानकारी लेनी है जिनके पुराने नोट उन्होंने बदले हैं।
21 साल का अभिनव आर्मी से जुड़े परिवार से ताल्लुक रखता है। अभिनव वर्मा और उसकी 20 साल की कजिन विशाखा वर्मा 2000 के नए नोट को स्कैन कर नकली नोट छापते थे और 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट के बदले मेें बदलकर देते थे। वे काला धन रखने वालों को निशाना बनाते थे। वे पुराने नोट पर 30 प्रतिशत कमीशन लेकर यह जाली नोट देते थे। लोगों काे शक न हो इसके लिए वे नोटों की गड्डी में सबसे ऊपर दो असली नोट रखते थे। पुलिस अब उन लोगों के बारे मे जानकारी हासिल करने में लगे हैं जिन्होंने आरोपियों से पैसे बदलवाए थे।
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उन्होंने अब तक तीन करोड़ रुपये छापे थे अौर इनमें से करीब दो करोड़ रुपये लोगाें को बदल चुके थे। इनके इस धंधे में लुधियाना का प्रापर्टी डीलर सुमन नागपाल बिचौलिया का काम करता था। सुमन नागपाल अभिनव और विशाखा को ग्राहक के पास ले जा रहा था तो वे पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
पुलिस ने बताया कि इनका चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया के फेज-एक ऑफिस है। पुलिस ने उनसे कंप्यूटर स्कैनर, प्रिंटर और अन्य सामान बरामद किया है। पुलिस ने बताया कि सूचना मिली थी कि युवक-युवती लग्जरी गाड़ी में ब्लैक मनी को व्हाइट करने का काम कर रहे हैं।
पुलिस के अनुसार, वे मंगलवार रात लालबत्ती लगी ऑडी कार में जा रहे थेे। लालबत्ती गाड़ी देख पुलिसकर्मियों ने समझा कि कोई मंत्री जा रहा है। लेकिन, उसके उसे साथ कोई पायलट जिप्सी नहीं देखी तो कार रुकवाकर उसकी तलाशी ली। कार में भारी रकम देखकर पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए। इसके बाद सारे मामले का खुलासा हुआ।

आरोपियों को ले जाती पुलिस।
पूछताछ में पता चला कि इस धंधे में दो और लोग शामिल हैं। पुलिस उनकी पुलिस तलाश कर रही है। पुलिस का कहना है कि अभी आरोपियों से पूछतछ की जा रही है और इस मामले में अभी कई खुलासे हो सकते हैं।
पीएम मोदी के 'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट से जुड़ा है आरोपी
सबसे खास बात है कि अभिनव वर्मा पीएम नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने वालों की सूची में है। अभिनव ने दृष्टिहीन लोगों के लिए एक ऐसी तकनीक डवलप की थी, जिससे उन्हें स्टिक का सहारा नहीं लेना पड़ता। अभिनव ने एक ऐसा उपकरण तैयार किया है, जिसको दृष्टिहीन अंगूठी की तरह पहन सकते हैं। इससे सामने कोई भी चीज आने पर सेंसर आवाज करता है। इसी खोज के लिए इसका नाम 'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट में चल रहा है। इसके लिए वह लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज कराने की तैयारी कर रहा था।
सेना में हैं अभिनव की मां
अभिनव के पिता हरियाणा सरकार में अच्छे पद पर थे। उनका पिछले साल निधन हाे गया था। उसकी मां सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। एमबीए कर चुकी विशाखा अभिनव की ममेरी बहन है और कपूरथला में रहती है। बताया जाता है कि विशाखा के पिता रेल कोच फैक्टरी में उच्च पद पर कार्यरत हैं।
मनी एक्सचेंज कराने वालों से भी करेंगे पूछताछ : एसपी
एसपी सिटी परमिंदर सिंह ने बताया कि आरोपियों से अभी 42 लाख रुपये ही रिकवर किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने कुछ नाम बताए हैं जिनसे मनी एक्सचेंज करने के नाम पर उन्होंने कमीशन लिया था। उन्होंने बताया कि उनके बारे में पुलिस की ओर से जांच की जा रही है। जिन लोगों ने पैसे एक्सचेंज करवाए है उनसे पूछताछ की जाएगी।
बिशाखा के पिता रेल कोच फैक्टरी कपूरथला में उच्च पद पर कार्यरत है। - See more at: http://www.jagran.com/punjab/chandigarh-42-lakh-fake-notes-of-2000-recovered-in-mohali-15126520.html?src=CHD-PN-PAGE#sthash.hfoAprIu.dpuf

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