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    योहान बेंजामिन ने रचा इतिहास, बने UEFA यूथ लीग में खेलने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 05:23 PM (IST)

    भारतीय फुटबॉल के लिए गर्व का क्षण है क्योंकि योहान बेंजामिन यूईएफए यूथ लीग में खेलने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर बने। स्लोवेनिया के क्लब एनके ब्रावो अंडर-19 का प्रतिनिधित्व करते हुए, उन्हें एफसी पोर्टो के खिलाफ मुकाबलों के लिए चुना गया है। मिनर्वा अकादमी से तैयार योहान का चयन भारतीय खिलाड़ियों के लिए एक नई राह है।

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    योहान बेंजामिन बने यूईएफए यूथ लीग में खेलने वाले पहले भारतीय (फोटो: जागरण)

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। भारतीय फुटबॉल एक ऐतिहासिक उपलब्धि का जश्न मना रहा है। योहान बेंजामिन, जो कभी मिनर्वा अकादमी के खिलाड़ी रहे हैं, अब यूईएफए यूथ लीग में खेलने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर बन गए हैं।

    यह प्रतिभाशाली फॉरवर्ड इस समय स्लोवेनिया के क्लब एनके ब्रावो अंडर-19 का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और उन्हें पूर्व चैम्पियन एफसी पोर्टो के खिलाफ 22 अक्तूबर और 5 नवंबर, 2025 को होने वाले मुकाबलों के लिए टीम में शामिल किया गया है जो भारतीय फुटबॉल के लिए गर्व का क्षण है।

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    स्लोवेनियाई अंडर-19 लीग में शानदार प्रदर्शन के बाद योहान का चयन हुआ है, जहां उन्होंने एनके फुज़िनार अंडर-19 के खिलाफ दो गोल किए और एनके क्रका अंडर-19 के खिलाफ निर्णायक गोल दागा। उनकी तेज़ मूवमेंट, सटीक पोज़िशनिंग और गोल के सामने संयम ने उन्हें यूरोपीय युवा फुटबॉल में तेज़ी से पहचान दिलाई है।

    मिनर्वा अकादमी की प्रसिद्ध युवा विकास प्रणाली से तैयार हुए योहान की यात्रा भारत से यूरोप तक उस मिशन को दर्शाती है, जिसके तहत अकादमी ऐसे खिलाड़ियों को तैयार करती है जो वैश्विक मंच पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें। यूईएफए यूथ लीग, जो यूरोप की सबसे प्रतिष्ठित युवा प्रतियोगिता मानी जाती है, में योहान का चयन भारतीय खिलाड़ियों के लिए अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में नई राह खोलने वाला कदम है।

    एनके ब्रावो के अधिकारियों ने योहान की मेहनत, समर्पण और प्रोफेशनल रवैये की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने यूरोपीय फुटबॉल की गति और रणनीतिक मांगों के साथ खुद को बखूबी ढाल लिया है। एफसी पोर्टो के खिलाफ उनके आगामी मैच न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए, बल्कि भारतीय फुटबॉल के विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण अध्याय साबित होंगे।

    जब योहान बेंजामिन यूईएफए यूथ लीग के मैदान पर उतरेंगे, तो उनके साथ एक पूरे देश का गर्व और मिनर्वा अकादमी की अदम्य भावना होगी जो इस बात का प्रतीक है कि भारतीय प्रतिभा अब विश्व फुटबॉल में नई ऊंचाइयां छूने के लिए तैयार है।