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    Women's T20 Challenge: दंगल की फौगाट बहनों की तरह है क्रिकेटर तानिया की कहानी, लड़कों की टीम में थी अकेली लड़की

    By Ankesh ThakurEdited By:
    Updated: Tue, 24 May 2022 12:58 PM (IST)

    चंडीगढ़ की महिला क्रिकेटर तानिया भाटिया इन दिनों वूमेंस टी-20 चैलेंज में सुपरनोवाज टीम की तरफ से खेल रही हैं। उनकी कहानी बिल्कुल बालीवुड फिल्म दंगल की फौगाट बहनों की तरह हैं। तानिया शुरू में लड़कों की क्रिकेट टीम से खेलती थी।

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    चंडीगढ़ की महिला क्रिकेटर व विकेटकीपर तानिया भाटिया। फाइल फोटो

    विकास शर्मा, चंडीगढ़। Women's T20 Challenge: महिला टी-20 चैलेंज लीग में सोमवार को सुपरनोवाज और ट्रेलब्लेजर्स टीम के बीच मैच खेला गया। इसमें सुपरनोवाज ने ट्रेलब्लेजर्स को 49 रनों से हराया है। इस जीत में चंडीगढ़ की आलराउंडर हरलीन दियोल और विकेटकीपर तानिया भाटिया ने अहम भूमिका निभाई।

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    सुपरनोवाज की बल्लेबाजी में तीसरे स्थान पर खेलने उतरी हरलीन दियोल ने 19 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से 184.29 के स्ट्राइक रेट से 35 रन बनाए और शानदार कैच पकड़कर सुपरनोवाज की जीत में अहम भूमिका निभाई। वहीं नौंवे विकेट पर बल्लेजाबी करने आई तानिया भाटिया एक रन बनाकर नाबाद रही। विकेटकीपिंग करते हुए उन्होंने एक खिलाड़ी को कैच और एक खिलाड़ी स्टंप आउट किया।

    तानिया ने लड़कों के साथ शुरू की कोचिंग

    बालीवुड फिल्म दंगल की तरह तानिया भाटिया भी कई सालों तक लड़कों की टीम में शामिल होकर खेलती थी। लड़कों की तरह हेयर कटिंग करवा कर लड़कों की टीम में खेलती थी। तानिया ने सात साल की उम्र जीएनपीएस - सेक्टर 36 में लड़कों के साथ अपनी क्रिकेट कोचिंग शुरू की थी। स्कूल में लड़कियों की क्रिकेट टीम नहीं थी, इसलिए कोच उन्हें लड़कों की टीम में शामिल कर अंडर-12, अंडर -14 और डीपी आजाद ट्राफी में खिलवाया।

    तानिया अक्सर बताती हैं कि मैच और प्रैक्टिस के दौरान कभी किसी गेंदबाज ने न तो लड़की होने की वजह से उन्हें कभी धीमी गति की गेंद फेंकी और न ही मैंने लड़की होने की वजह से उस गेंद को कभी धीमे से मारा। मैंने हमेशा लड़कों की तरह ही क्रिकेट खेला है और यही मेरी मजबूती रही है।

    पिता के सपने के बेटी ने किया पूरा

    तानिया के पुराने कोच बताते थे कि वह वह अकेली लड़की थी जो क्रिकेट की कोचिंग लेने आती थी। तानिया अच्छा खेलती थी। लड़कियों की टीम नहीं होने की वजह से तानिया को लड़कों की टीम में शामिल किया जाता था। तानिया भाटिया के पिता संजय भाटिया हरियाणा रणजी टीम के प्लेयर रह चुके हैं।

    उन्हें क्रिकेट खेलने का खासा शौक था। वह खुद इंटर कालेज, इंटर यूनिवर्सिटी और रणजी टीम में खेल चुके हैं। उनका टीम इंडिया के खेलने का सपना था, जो पूरा नहीं हो सका। इसलिए उनके जुनून को तानिया ने अपना जुनून बना लिया। तानिया ने महिला टी-20 विश्व कप में एक मैच में तीन खिलाड़ियों को स्टंप किया था। ऐसा करने वाली वह भारत की दूसरी विकेटकीपर हैं। उनसे पहले सुलक्षणा नाइक ने पहली बार 2012 में श्रीलंका के खिलाफ मैच में तीन खिलाडिय़ों को स्टंप किया था।

    सूपरवूमेन  के नाम से मशहूर है हरलीन दियोल

    शहर की क्रिकेटर हरलीन दियोल पिछले साल की सबसे ज्यादा चर्चित महिला क्रिकेटर रही। मोहाली की रहने वाली हरलीन ने इसी साल इंग्लैंड के खिलाफ टी -20 क्रिकेट मैच में  बाउंड्री पर शानदार कैच पकड़कर इंटरनेट मीडिया पर सनसनी फैला दी है। हरलीन दिओल लांग आफ पर फील्डिंग कर रही थी और इंग्लैंड की विकेटकीपर एमी जोंस स्ट्राइक पर थी।

    शिखा पांडे ने जैसे ही गेंद फेंकी जोंस ने डीप में हिट कर दिया। शाट शानदार था हर किसी को छ्क्के की उम्मीद थी, तभी हरलीन ने सुपरवूमेन बनकर छलांग लगा दी और कैच पकड़ लिया, बाउंड्री रोप के पार जाने के डर से हरलीन ने गेंद को पहले हवा में उछाल दिया और फिर खुद बाउंड्री के बाहर हो गई, अगले ही पल उन्होंने फिर से बाउंड्री के अंदर छलांग लगाते हुए कैच पकड़ लिया।

    हरलीन ने न सिर्फ छक्का रोका, बल्कि एमी जोंस को भी पवेलियन की राह दिखा दी। कुछ ही देर में यह फुटेज इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गई। उनके इस कैच को क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने कैच आफ द ईयर बताया। इसके अलावा दुनियाभर के खिलाड़ियों  ने हरलीन दियोल के इस कैच की जमकर तारीफ की और उन्हें सुपरवूमेन बताया था।

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