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    कौन थे जसवंत सिंह खालड़ा, जिनके जीवन पर बनी 'पंजाब 95', फिल्म में लीड रोल में नजर आएंगे दिलजीत दोसांझ

    Updated: Sat, 11 Jan 2025 04:45 PM (IST)

    दिलजीत दोसांझ की आगामी फिल्म पंजाब 95 समाजसेवी जसवंत सिंह खालड़ा के जीवन पर आधारित है। खालड़ा ने पंजाब पुलिस पर हजारों सिख युवाओं को अवैध हिरासत में लेकर फर्जी मुठभेड़ में मारने का आरोप लगाया था। 6 सितंबर 1995 को उनकी हत्या कर दी गई थी। सीबीआई जांच में पंजाब पुलिस के 6 अधिकारियों को दोषी पाया गया था।

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    जसवंत सिंह खालड़ा की जीवनी पर बन रही है फिल्म 'पंजाब 95'।

    डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। दिलजीत दोसांझ के गाने हो या फिल्म, फैन्स को बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है। दिलजीत दोसांझ की अगली फिल्म फरवरी में रिलीज हो रही है। फिल्म का नाम है पंजाब 95, इसकी काफी चर्चा हो रही है। यह मूवी समाजसेवी जसवंत सिंह खालड़ा के वास्तविक जीवन पर आधारित है, जो पीड़ित लोगों की लड़ाई लड़ते थे। दिलजीत दोसांझ इस फिल्म में जसवंत सिंह खालड़ा की भूमिका निभा रहे हैं।

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    कौन थे जसवंत सिंह खालड़ा

    जसवंत सिंह खालड़ा का जन्म 1952 में हुआ था। वे समाजसेवी और मानवाधिकार कार्यकर्ता थे। अमृतसर में एक बैंक के निदेशक थे। वे मजलूमों की आवाज उठाते थे। उनके हक की लड़ाई लड़ते थे। उन्होंने अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई।

    उन्होंने पंजाब पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए कि हजारों सिख युवाओं को अवैध हिरासत में लिया गया और फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया। बिना किसी जानकारी के उनके शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

    पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ करने का आरोप

    यह बात उस वक्त की है, जब पंजाब में आंतकवाद चरम पर था। ऑपरेशन ब्लू स्टार, इंदिरा गांधी की हत्या और 1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद पुलिस को संदिग्ध व्यक्तियों यानी किसी को भी शक के आधार पर हिरासत में लेने का अधिकार दिया गया था।

    आरोप है कि शक के आधार पर पंजाब पुलिस ने बहुत सी फर्जी मुठभेड़ की, इससे सैकड़ों निर्दोष पंजाबियों की मौत हो गई। हर रोज आठ-दस लोगों की लाशें उठती थीं। इससे पंजाब के लोग बहुत डर और थक चुके थे।

    ‘India Who Killed The Sikhs’ डॉक्यूमेंट्री के मुताबिक, पुलिस युवाओं को उठाकर ले जाती थी, फिर झूठा केस बनाती थी। इसके बाद रिहाई के लिए लाखों रुपए मांगती थी, नहीं देने पर उसे ठिकाने लगा देती थी।

    हालांकि, पुलिस ने बड़ी ही चतुराई से सभी आरोपों से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जिन युवाओं की हत्या की बात खालड़ा कर रहे हैं, वे विदेशों में फर्जी डॉक्यूमेंट्स पर नौकरी कर रहे हैं। हालांकि, खालड़ा फिर भी हार नहीं मानी, वे सिविल कोर्ट और हाईकोर्ट के चक्कर काटते रहे।

    कैसे हुई थी जसवंत सिंह खालड़ा की हत्या

    जसवंत सिंह खालड़ा 6 सितंबर 1995 को अपने घर के बाहर गाड़ी धो रहे थे। इसी दौरान कुछ लोग आए और उन्हें अपने साथ लेकर चले गए। बाद में पता चला कि वे लोग पुलिस के अधिकारी थे।

    करीब डेढ़ महीने बाद 27 अक्टूबर को जसवंत सिंह खालड़ा का शव सतलुज नदी में मिला। उनकी हत्या के बाद माहौल काफी गरमा गया था। उनके परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की थी।

    सीबीआई जांच में खुले कई राज

    सीबीआई जांच में कई राज खुलकर सामने आए। कोर्ट ने पंजाब पुलिस के 6 अधिकारियों को दोषी पाया और सात साल की सजा सुनाई। हाई कोर्ट ने छह में से चार आरोपियों की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। जसवंत सिंह खालड़ा की पत्नी परमजीत कौर खालड़ा अब पीड़ितों की लड़ाई लड़ रही हैं।

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