कौन है खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू, जो भारत के खिलाफ उगलता रहता है जहर?
Gurpawant Singh Pannu भारत में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस का कुख्यात सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू विदेश में बैठा हुआ है। अमृतपाल के जेल जान ...और पढ़ें

चंडीगढ़, जागरण डिजिटल डेस्क। बीते कुछ महीनों से भारत ही नहीं बल्कि देश विदेशों से भी खालिस्तान समर्थकों को लेकर कई खबरें सामने आई हैं। कई खालिस्तान समर्थकों को या तो जेल में डाला गया या तो कुछ मारे गए। खालिस्तान को पंजाब में बढ़ावा दे रहे अमृतपाल सिंह को भी असम के डिब्रूगढ़ जेल में डाल दिया गया है।
इन्हीं सब के बीच एक और खालिस्तान समर्थक विदेश में डेरा जमाए हुए है जिसका नाम है गुरपतवंत सिंह पन्नू। ये वही पन्नू है जो अक्सर सोशल मीडिया पर भारत विरोधी बातें करता है।
पन्नू को सता रहा था सुरक्षा का डर
भारत में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस का कुख्यात सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू विदेश में बैठा हुआ है। अमृतपाल के जेल जाने के बाद और निज्जर की मौत के बाद पन्नू को भी खुद की सुरक्षा का डर सताने लगा था।
भारत सरकार ने साल 2020 में UAPA कानून के तहत पन्नू को आतंकवादी घोषित कर दिया था। जुलाई 2020 में पंजाब पुलिस ने कपूरथला और अमृतसर में पन्नू के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था।
कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू
अमृतसर के खानकोट का रहने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की है। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वह विदेश चला गया जहां उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर पंजाब में खालिस्तानी अलगाववादी मुहिम को फिर जिंदा करने की कोशिश की। पन्नू के पिता महिंदर सिंह पंजाब में कृषि विपणन बोर्ड में काम करते थे। फिलहाल वह अमेरिका और कनाडा में रह रहा है।
अमेरिका में स्थित सिख फॉर जस्टिस के संस्थापकों में से एक गुरपतवंत सिंह पन्नू सोशल मीडिया पर लगातार अलगाववादी बातें करता था। वह अक्सर भारत विरोधी बातें करता नजर आता। यही नहीं, पन्नू ने सोशल मीडिया पर भारत का झंडा तक जला दिया था, जिसके बाद उसके ऊपर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था।
भारत ने लगाया दिया था प्रतिबंध
2007 में बनाया गया सिख फॉर जस्टिस जो कि अमेरिका में स्थित है, गुरपतवंत सिंह पन्नू उसके संस्थापकों में से एक है। 2019 में इस संगठन पर भारत में प्रतिबंध लगा दिया गया था। तब केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया था कि यह संगठन अलगाववादी विचारधारा का समर्थन कर रहा था। यह भी बताया गया था कि ये संगठन अन्य देशों में बाहरी ताकतों की मदद से काम कर रहा है।
पन्नू ने कई भारतीय नेताओं के खिलाफ अभियान चलाया था। पन्नु ने कांग्रेस नेता कमलनाथ, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ अमेरिका की अदालतों में मुकदमा चलाने की मांग की थी।
भारत में सिख फॉर जस्टिस और पन्नू पर लगभग एक दर्जन मामले दर्ज हैं। इनमें पंजाब में देशद्रोह के तीन मामले शामिल हैं। भारत में पन्नू पर बगावत फैलाने सहित साम्प्रदायिक दंगे भड़काने की मंशा से उकसाने, पूजा स्थल पर अपराध करने और राजद्रोह जैसे संगीन आरोप हैं।
पैसों की देता था लालच
पन्नू भोले भाले युवाओं को पैसों का लालच देकर बरगलाता भी था। उसे आईएसआई और खालिस्तान का समर्थन करने वाले लोगों से पैसे भी मिलते थे। इन पैसों का इस्तेमाल वह दंगे भड़काने और पंजाब में दहशत का माहौल बनाने के लिए करता था।

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