Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    निष्क्रिय कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई की, सेक्टर-26 की मंडी के मामले में हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन से पूछा

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 08:29 PM (IST)

    पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को फटकार लगाते हुए पूछा कि अधिकारी न्यायिक आदेश के बाद ही क्यों हरकत में आते हैं। कोर्ट ने निष्क्रिय कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी मांगी है। प्रशासन को अतिक्रमण हटाने और बाजार के रखरखाव पर दीर्घकालिक योजना का विवरण देने का निर्देश दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी।

    Hero Image
    मंडी में सडक़ों की सफाई और पार्किंग की समस्या के समाधान पर हाईकोर्ट ने पूछा- क्या है दीर्घकालीन योजना।

    दयानंद शर्मा, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सेक्टर 26 स्थित सब्जी एवं फल मंडी की स्थिति को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि कार्रवाई न्यायिक हस्तक्षेप के बाद ही होती है। चीफ जस्टिस शील नागू ने ओपन कोर्ट में आदेश लिखवाते हुए कहा कि जब न्यायिक आदेश आता है तभी सब क्यों जागते हैं, पहले क्यों नहीं? निष्क्रिय कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पीठ ने यूटी प्रशासन को निर्देश दिया कि वह अतिरिक्त हलफनामा दायर करे, जिसमें न केवल अब तक उठाए गए सुधारात्मक कदम बताए जाएं बल्कि उन अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का भी विवरण हो, जिन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं किया। प्रशासन ने मंडी से अतिक्रमण हटाने और सफाई अभियान की तस्वीरों के साथ एक हलफनामा दायर किया था, लेकिन कई मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं।

    चीफ जस्टिस नागू ने जनहित याचिका को लंबित रखते हुए अपने आदेश में कहा कि इस अदालत के हस्तक्षेप के बाद चंड़ीगढ़ प्रशासन ने अपनी सुस्ती से उबरकर इलाके की सफाई शुरू कर दी है। यह जानना उचित होगा कि प्रशासन ने आगे क्या कदम उठाए हैं। खंडपीठ ने प्रशासन को एक अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। हलफनामे में दीर्घकालिक योजना का विवरण हो, जिसमें नीलामी, प्लेटफार्मों की मरम्मत, खरीदारों के लिए बनी सडक़ों की सफाई और पार्किंग की समस्या का समाधान शामिल हो।

    बाजार की होती है रोजाना निगरानी

    सुनवाई के दौरान, यूटी के वकील ने दलील दी कि 20 अगस्त को अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया था, जिसमें अवैध ढांचों और रास्तों व चबूतरों पर कब्जा जमाए बैठे अनाधिकृत विक्रेताओं को हटाया गया था।  अतिक्रमण रोकने के लिए बाजार की रोजाना निगरानी की जाती है और सुबह की नीलामी के बाद सफाई की जाती है।

    वकील ने पीठ को बताया कि प्रवेश और निकास बिंदु निर्धारित कर दिए गए हैं। ट्रकों की आवाजाही नियंत्रित की जा रही है और दोपहिया व चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग स्थल अलग-अलग कर दिए गए हैं। प्रशासन ने सुबह के कारोबार के दौरान निकलने वाले कचरे के निपटान के लिए जीआई पाइपों वाली खुली नालियों का भी प्रस्ताव रखा है।

    सुचारू व्यवस्था के लिए दैनिक शुल्क देने को तैयार

    सेक्टर 26 विक्रेता संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने तर्क दिया कि लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं को अनुचित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है और उन्हें विस्थापित किया जा रहा है, जबकि अनधिकृत विक्रेता अपना काम जारी रखे हुए हैं। उन्होंने पीठ को बताया कि संघ के सदस्य दशकों से व्यापार कर रहे हैं और वे रखरखाव के लिए दैनिक बाजार शुल्क भी देने को तैयार हैं।

    उन्होंने आगे कहा कि यह विवाद पहले से ही एक लंबित दूसरी अपील का विषय है। खंडपीठ ने कहा कि साफ किए गए क्षेत्रों की तस्वीरें बुनियादी ढांचे, खरीदारों की सुविधा और पार्किंग के मूल मुद्दों का समाधान नहीं करतीं। मामले की सुनवाई 13 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है।