पंजाब विजिलेंस हुई एक्टिव, भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई नहीं करने के मामले में फाजिल्का के SSP सस्पेंड
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने फाजिल्का साइबर सेल के भ्रष्ट कर्मचारियों पर कार्रवाई न करने पर एसएसपी वरिंदर सिंह बराड़ को निलंबित कर दिया है। यह पहली बार है जब भ्रष्टाचारियों पर सही कार्रवाई न करने के मामले में किसी एसएसपी को निलंबित किया गया है। इससे पहले भी कई अधिकारियों और विधायकों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं जिनके खिलाफ सरकार ने कार्रवाई की है।

रोहित कुमार, चंडीगढ़। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो एक बार फिर एक्टिव हो गई है। फाजिल्का साइबर सैल में तैनात भ्रष्टाचार कर्मचारियों पर ठीक कार्रवाई नहीं करने के मामले में एसएसपी वरिंदर सिंह बराड़ को निलंबित कर दिया गया है। भ्रष्टाचार के आरोपों में अभी तक पंजाब सरकार ने तीन पुलिस अधिकारियों व एक आईपीएस एक आईएएस अधिकारी को सस्पेंड किया।
वहीं एक बीते दिनों अपने ही एक विधायक के भ्रष्टाचार में शामिल होने के खिलाफ कार्रवाई की। जबकि यह पहला मौका है जब भ्रष्टाचारियों पर सही कार्रवाई नहीं करने के मामले में सरकार ने एक एसएसपी को सस्पेंड किया। इससे पहले विजिलेंस के प्रमुख एसपीएस परमार, श्री मुक्तसर साहिब के डीसी रहे आईएएस राजेश त्रिपाठी समेत दो अन्य पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड किया गया था।
हालांकि विजिलेंस के दो पीपीएस अधिकारियों को सरकार ने बहाल भी कर दिया था। पुलिस की ओर से पीपीएस अधिकारी स्वर्णदीप सिंह और हरप्रीत सिंह मंडेर, आईपीएस एसपीएस परमार के साथ निलंबित किया गया था लेकिन जांच के बाद फिर से बहाल कर दिया गया।
2022 में भ्रष्टाचार को खत्म करने का वादा कर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी के चार विधायकों को अब तक जेल की हवा खानी पड़ी है। तीन साल के कार्यकाल में तीन विधायकों को खुद सरकार ने ही पकड़ा।वहीं चौथे विधायक को केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने पकड़ा। दो मंत्रियों को इंटरनेट मीडिया पर वायर आडियो वीडियो के बाद हुए विवाद के बाद कुर्सी से बेदखल होना पड़ा।
हालांकि एक मंत्री को कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई जिससे वह अपनी कुर्सी बचा पाए। 2022 में पूर्व सेहत मंत्री डा विजय सिंगला के खिलाफ कार्रवाई की। सिंगला हर काम और टेंडर में एक फीसदी कमिशन मांग रहे थे। बठिंडा ग्रामीण से विधायक अमित रतन कोटफत्ता को भ्रष्टाचार में गिरफ्तार किया गया। उन पर गांव की सरपंच से रिश्वत मांगने का आरोप था।
जालंधर सेंट्रल के विधायक रमन अरोड़ा को बीते दिनों भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वहीं विधायक जसवंत सिंह गज्जनमाजरा को को प्रवर्तन निदेशालय ने 2023 में गिरफ्तार किया था। इससे पहले भी भ्रष्टाचार को लेकर विजिलेंस ब्यूरो सरकार में मौजूदा आइएएस अधिकारियों, उनकी पत्नियों, पूर्व विधायकों, पूर्व मंत्रियों पर कार्रवाई कर चुका है। जिनमें से ज्यादातर मामले अदालत में विचारधीन है।
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