विक्रम पंडित के खिलाफ मुकदमा
अमेरिका के प्रमुख बैंकिंग समूह सिटीग्रुप में आला अफसरान के भारी-भरकम वेतन पैकेजों के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। पहले ही बैंक के निवेशक भारतीय मूल के सीईओ विक्रम पंडित एवं अन्य बड़े अधिकारियों के मोटे वेतन भत्तों के विरोध में मतदान कर चुके हैं।
वाशिंगटन। अमेरिका के प्रमुख बैंकिंग समूह सिटीग्रुप में आला अफसरान के भारी-भरकम वेतन पैकेजों के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। पहले ही बैंक के निवेशक भारतीय मूल के सीईओ विक्रम पंडित एवं अन्य बड़े अधिकारियों के मोटे वेतन भत्तों के विरोध में मतदान कर चुके हैं। अब इन्हीं में से एक ने पंडित और बैंक के निदेशकों को कोर्ट में घसीट लिया है। से-ऑन-पे प्रावधान के तहत उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है। यह प्रावधान शेयरधारकों को कार्यकारियों के वेतन पर मतदान करने का अधिकार देता है।
वर्ष 2011 में पंडित को करीब 77.78 करोड़ रुपये [1.5 करोड़ डॉलर] का पैकेज मिला है। शेयरधारक स्टैनले मोस्कल की ओर से मैनहटन में शुक्रवार को दायर कानूनी याचिका में कहा गया है कि पंडित एवं निदेशकों ने 2011 में अधिकारियों को 5.40 करोड़ डॉलर से अधिक का वेतन प्रदान कर जिम्मेदारीपूर्ण कर्तव्यों का उल्लंघन किया है। याचिका में कहा गया है कि इस वेतन में पंडित को किए गए 1.50 करोड़ डॉलर का भुगतान भी शामिल है, जो उनके 2010 के भुगतान से 1,499,999,900 प्रतिशत ज्यादा है। वह भी ऐसे वर्ष में जब बैंक के शेयर मूल्य में 44 प्रतिशत की गिरावट आई है। एक्जीक्यूटिव के मुआवजे पर अनुसंधान करने वाली कंपनी इक्विलर के अनुसार, पिछले वर्ष सबसे अधिक मुआवजा प्राप्त करने वाले सीईओ में पंडित [55] का नाम 45वें स्थान पर था। मंगलवार को बैंक की वार्षिक बैठक में सिटी के शेयरधारकों ने इस मुद्दे पर मतदान किया था।
मतदान से पहले आलोचकों ने शिकायत की कि पंडित और बैंक के अन्य शीर्ष अधिकारी ऊंचा वेतन हासिल कर रहे हैं। सिटी समूह ने कहा है कि यह याचिका निराधार है। वह इसे खारिज करने के लिए याचिका दाखिल करेगा।
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