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    हिंदी दिवस पर विशेष: PGI की अनूठी पहल, मरीजों के पर्चों पर हिंदी में लिखा जाएगा दवा कब और कैसे खानी है

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 01:23 PM (IST)

    चंडीगढ़ पीजीआई हिंदी दिवस पर एक नई पहल करने जा रहा है। अब डॉक्टरों द्वारा मरीजों की पर्ची पर दवाइयों की जानकारी हिंदी में लिखी जाएगी जिससे ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को दवाइयों की प्रक्रिया समझने में आसानी होगी। पीजीआई में हिंदी के प्रचार के लिए एक अलग विभाग बनाया गया है और डॉक्टर हिंदी में बीमारियों से जुड़े जागरूकता वीडियो भी बना रहे हैं।

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    पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (फाइल फोटो)

    मोहित पांडेय, चंडीगढ़। पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआइ) ने हिंदी दिवस पर एक अनोखी पहल करने की योजना तैयार की है। पहले के तहत अब मरीजों के पर्ची पर हिंदी में लिखेंगे कि दवाई कब और कैसे खानी है। यह पहल देशभर के अन्य मेडिकल संस्थानों में एक मिसाल बनेगी।

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    इस तरह की पहल से देश के लाखों मरीजों का इलाज करने वाला पीजीआइ अब हिंदी के विकास में भी अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। हर दिन पीजीआइ में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत अन्य राज्यों से 10 से 12 हजार मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं।

    इनमें से अधिकांश मरीज ग्रामीण एरिया से आते हैं। जब उन्हें पर्ची पर दवा के बारे में लिखकर दिया जाता है, तो कम पढ़े-लिखे होने के कारण उन्हें दवा लेने के लिए प्रक्रिया को समझने में समस्या आती है। संस्थान की नई पहल के तहत हिंदी में दवाई के सेवन की प्रक्रिया जानने से मरीजों की काफी सुविधा हो जाएगी।

    हिंदी के प्रचार के लिए बनाया अलग विभाग

    हिंदी भाषा के प्रयोग के लिए पीजीआइ में एक अलग से हिंदी भाषा विभाग बनाया गया है, जहां विशेषज्ञों की टीम हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए रणनीति बनाने से रूपरेखा तैयार कर रही है। एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. संजय भाडा को विभाग का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

    (प्रो. संजय भाडा)

    उन्होंने बताया कि संस्थान में सभी डॉक्टरों और कर्मचारियों से हिंदी में ईमेल करने, हस्ताक्षर करने और पत्राचार को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए हैं। अंग्रेजी भाषा के साथ औपचारिक ई-मेल के लिए अंग्रेजी समेत हिंदी का प्रयोग किया जा रहा है। इसके साथ अस्पताल में मरीजों की सहूलियत के लिए साइन बोर्ड हिंदी में लगाने के लिए योजना तैयार की जा रही है।

    डॉक्टर बना रहे बीमारियों से जुड़ी जागरूकता वीडियो

    हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए पीजीआइ में डाक्टरों की टीम की ओर से बीमारियों से जुड़ी जागरूकता वीडियो भी हिंदी में तैयार की जा रही हैं, जिन्हें जल्द ओपीडी में चलाया जाएगा। विशेषज्ञों को अलग विभाग क्लीनिकल किताबें हिंदी में लिखने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस पहल से न केवल मरीजों को इलाज समझने में आसानी होगी, बल्कि हिंदी भाषा को भी नया विस्तार मिलेगा ।