UCC बन सकता है अकाली-भाजपा गठबंधन में बाधा, शिअद ने बनाई चार सदस्यीय कमेटी; गठबंधन की चर्चाओं को किया खारिज
शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के बीच गठबंधन की संभावनाओं में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) बाधा बनकर उभरने लगा है। शिअद के प्रधान सुखबीर बादल ने वीरवार को पार्टी के जिला प्रधानों व हलका इंचार्ज की बैठक बुलाई हुई थी। जिसमें यूसीसी के मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई। चूंकि मामला अल्पसंख्यक वर्ग से जुड़ा हुआ है इसलिए पार्टी जल्दबाजी में कोई भी फैसला नहीं लेना चाहती।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के बीच गठबंधन की संभावनाओं में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) बाधा बनकर उभरने लगा है। शिअद के प्रधान सुखबीर बादल ने वीरवार को पार्टी के जिला प्रधानों व हलका इंचार्ज की बैठक बुलाई हुई थी। जिसमें यूसीसी के मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई।
चूंकि मामला अल्पसंख्यक वर्ग से जुड़ा हुआ है इसलिए पार्टी जल्दबाजी में कोई भी फैसला नहीं लेना चाहती। जिसके कारण पार्टी ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी बुद्धिजीवियों व कानून के जानकारों से विचार-विमर्श करके 13 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट देगी। वहीं, सुखबीर बादल ने भाजपा के साथ गठबंधन की चर्चाओं को खारिज किया है। उनका कहना है, शिअद का बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन है। शिअद और भाजपा का गठबंधन तीन कृषि कानून के कारण टूटा था।
फिर हो सकता है गठबंधन
दोनों पार्टियों के बीच पुन: गठबंधन की संभावनाएं बन रही थी। इसी बीच केंद्र सरकार ने समान नागरिक संहिता पर राय शुमारी करनी शुरू कर दी है। अकाली दल यूसीसी के खिलाफ रहा है। जिसे देखते हुए यह माना जा रहा है कि यूसीसी दोनों दलों के करीब आने में बाधा बन सकता है। हालांकि पार्टी ने यूसीसी को लेकर एक चार सदस्यीय कमेटी जिसमें प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, महेश इंदर ग्रेवाल, सिंकदर सिंह मलूका और डा. दलजीत सिंह चीमा शामिल है, को बनाया है।
विधानसभा में लगाया गया बिल असंवैधानिक
यह कमेटी संवैधानिक विशेषज्ञों, बुद्धिजीवियों और सिख समुदाय के नेताओं के साथ बातचीत करके अपनी रिपोर्ट पार्टी प्रधान को सौंपेगी। सिख गुरुद्वारा (संशोधन) बिल को खारिज किया सुखबीर बादल की अध्यक्षता में हुई बैठक में पार्टी ने सिख गुरुद्वारा संशोधन बिल 2023 को खारिज कर दिया है। पार्टी का कहना है, यह सिख धार्मिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप है। जो बिल विधानसभा में लगाया गया वह असंवैधानिक है।
शिअद ने सरकार को चेतावनी दी कि वह इस तरह का उल्लंघन करके समुदाय की भावनाओं को नहीं भड़काना चाहिए। बैठक में विधानसभा में गुरसिखों की दाढ़ी को अपमानित करने और उसका मजाक उड़ाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि यह खालसा पंथ की विशिष्ट पहचान पर हमला है। इस प्रस्ताव में पंजाब के पूजनीय संतों पर विधानसभा में जिस तरह से अपमानित तरीके से संबोधित किया गया उसके लिए सरकार को माफी मांगनी चाहिए।
बैठक में आम आदमी पार्टी द्वारा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज का गला घोंटने के तरीके की भी निंदा की गई। साथ ही कहा गया कि मीडिया का कुछ हिस्सा सरकार के साथ मिलकर पार्टी की छवि को खराब कर रहे है। अगर वह अपना रवैया नहीं सुधारते तो उनका बहिष्कार किया जाएगा। अकाली दल अध्यक्ष ने एक जन संपर्क कार्यक्रम का भी अनावरण किया जिसके तहत सभी हलका प्रभारी अपने हलकों के सभी गांवों का दौरा करेंगें।