Punjab Assembly Session में दो बिल पास, अवतार हेनरी जूनियर ने कहा- विधेयक के माध्यम से उधार सीमा बढ़ा रही सरकार
पंजाब विधानसभा ने मंगलवार को पंजाब माल और सेवा कर संशोधन बिल 2023 (जीएसटी ) और पंजाब वित्तीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन संशोधन बिल 2023 (एफआरबीएम) सहित दो धन बिल पारित किए। जीएसटी बिल सर्वसम्मति से पारित किया गया। जबकि कांग्रेस सदस्य अवतार हैनरी जूनियर ने एफआरबीएम बिल का विरोध करते हुए कहा कि सरकार विधेयक के माध्यम से अपनी उधार सीमा बढ़ा रही है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा ने मंगलवार को पंजाब माल और सेवा कर संशोधन बिल, 2023 (जीएसटी ) और पंजाब वित्तीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन संशोधन बिल, 2023 (एफआरबीएम) सहित दो धन बिल पारित किए। जीएसटी बिल सर्वसम्मति से पारित किया गया। जबकि कांग्रेस सदस्य अवतार हैनरी जूनियर ने एफआरबीएम बिल का विरोध करते हुए कहा कि सरकार विधेयक के माध्यम से अपनी उधार सीमा बढ़ा रही है।
बिल पेश करने वाले वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कांग्रेस सदस्य इस बात से अनभिज्ञ है कि बिल का उधार सीमा से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि यह एफआरबीएम अधिनियम में केंद्र के संशोधनों के लिए आवश्यक बार-बार किए जाने वाले संशोधन के बारे में है। पंजाब विधानसभा में संशोधन बिल लाकर सरकार ने बार-बार बिल विधानसभा में न लाना पड़े इसका रास्ता साफ किया है।
कंपनियां फर्जी बिलों के जरिए सरकारी खजाने को चूना लगा रही
जीएसटी विधेयक जीएसटी ट्रिब्यूनल की राज्य में गठन से संबंधित है। कंपोजिशन स्कीम के तहत पंजीकृत करदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स ऑपरेटरों के माध्यम से माल की आपूर्ति करने में सक्षम बनाया जा रहा है। पंजाब वस्तु एवं सेवा कर संशोधन बिल (2023) और पंजाब वित्तीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन संशोधन बिल 2023 पेश करते हुए चीमा ने कहा कि सरकार की बिल लाओ, इनाम पाओ योजना के जरिए 800 फर्जी फर्मों का खुलासा हुआ। जोकि नकली जीएसटी बिल काट रहे है। उन्होंने कहा कि ये कंपनियां फर्जी बिलों के जरिए सरकारी खजाने को चूना लगा रही थीं। चीमा ने सदन को आश्वासन दिया कि जांच का काम जारी है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विपक्ष से दोनों विधेयकों को सर्वसम्मति से पारित करने की अपील की थी ताकि सरकारी खजाने को अतिरिक्त आय मिले। अवतार हैनरी जूनियर को छोड़कर विपक्ष ने सर्वसम्मति से विधेयक पारित किया, जिन्होंने एफआरबीएम विधेयक का विरोध किया।
अकाली-भाजपा ने 99000 करोड़ का लिया था
हैनरी ने कहा कि इससे राज्य की वित्तीय स्थिति और कमजोर होगी क्योंकि यह विधेयक सरकार को अधिक कर्ज लेने की इजाजत देता है. उन्होंने कहा कि आप सरकार अपने 21 महीने के शासनकाल में 51357 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। हेनरी ने कहा कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने अपने पांच साल के शासनकाल में 99,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था और कांग्रेस सरकार ने भी इतनी ही राशि का कर्ज लिया था। उन्होंने कहा कि अपने पांच साल के शासनकाल में आप सरकार पर दो लाख रुपये का और कर्ज चढ़ जाएगा।
तत्कालीन वित्त मंत्री मनप्रीत बादल पर हमला बोलते हुए चीमा ने कहा कि पिछली सरकार ने वित्तीय स्थिति पर ध्यान नहीं दिया और केंद्र सरकार को जीएसटी मुआवजे के रिकॉर्ड को सही ढंग से नहीं पेश किया। जिसके कारण केंद्र ने पंजाब को 3900 करोड़ रुपये रिकवरी करने के लिए एक पत्र भेजा था। उन्होंने कहा कि जब विभाग ने पुराने आंकड़ों की जांच की और केंद्र सरकार के समक्ष रिकॉर्ड पेश किया तो 3900 करोड़ रुपये माफ कर दिये और 5005 करोड़ रुपये का दावा और किया गया। इसमें से केंद्र सरकार ने 3870 करोड़ रुपये का भुगतान किया। जोकि खजाने में आ चुका है।
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