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    हादसे में ट्रक ने कुचली टांगे, ट्रिब्यूनल ने दिया 31 लाख मुआवजे का आदेश

    By Ravi Atwal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Sat, 16 Aug 2025 01:30 PM (IST)

    चंडीगढ़ में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने चार साल पुराने सड़क हादसे के पीड़ित ओम प्रकाश को 31.09 लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला सुनाया। 2021 में एक तेज रफ्तार ट्रक ने ओम प्रकाश की दोनों टांगों को कुचल दिया था जिससे वह दिव्यांग हो गए थे। अदालत ने इंश्योरेंस कंपनी के इस तर्क को खारिज कर दिया कि ओम प्रकाश नशे में थे।

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    हादसे में ट्रक ने कुचली टांगे, ट्रिब्यूनल ने दिया 31 लाख मुआवजे का आदेश

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चार साल पुराने एक सड़क हादसे ने शिमला, हिमाचल प्रदेश के 37 वर्षीय ओम प्रकाश को दिव्यांग बना दिया। एक तेज रफ्तार ट्रक ने उसकी दोनों टांगों को बुरी तरह कुचल दिया। अब हादसे के चार साल बाद चंडीगढ़ जिला अदालत से उसे इंसाफ मिला है।

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    मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने ओम प्रकाश की याचिका को मंजूर करते हुए उसे 31.09 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का फैसला सुनाया है। ओम प्रकाश ने ग्वालियर निवासी ट्रक ड्राइवर अशोक सिंह, ट्रक मालिक मुकेश सिंह और द न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी, सेक्टर-17 चंडीगढ़ के खिलाफ मुआवजे के लिए याचिका दायर की थी।

    याचिका में अशोक ने बताया कि वह खुद भी पेशे से ट्रक ड्राइवर था। 20 अगस्त 2021 को वह सेक्टर-20 पंचकूला स्थित सेब मंडी आया था। इस दौरान वह अपने ट्रक में पेट्रोल लीकेज चेक करने के लिए नीचे लेटा, तभी एक तेज रफ्तार ट्रक उसकी टांगों के ऊपर से गुजर गया।

    हादसे के दौरान उसकी टांगे बुरी तरह कुचली गई। उसे पहले तो सेक्टर-6 पंचकूला के सिविल अस्पताल ले जाया गया। वहां से उसे पीजीआइ रैफर कर दिया गया। वहां लगभग 10 दिनों तक उसका इलाज चला। पुलिस ने उसके बयान पर राजस्थान नंबर ट्रक चालक के खिलाफ आइपीसी की धारा 279, 337, 338 के तहत केस दर्ज कर लिया था।

    इस पीड़ा को धन के पैमाने पर आंका नहीं जा सकता

    ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि गंभीर सड़क हादसों में घायल व्यक्ति के लिए मुआवजा तय करना कठिन कार्य है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि हादसे में घायल हुए व्यक्ति की पीड़ा को धन के पैमाने पर आंका नहीं जा सकता। भले ही यह मुआवजा उस मानसिक आघात, पीड़ा और कष्ट को दूर नहीं कर सकता जिसे वह व्यक्ति दुर्घटना के बाद झेलता है, फिर भी यह राशि घायल के जीवन को कुछ बेहतर बनाने के लिए दी जाती है।

    अब ड्राइविंग का काम नहीं कर सकता

    पीड़ित के वकील ने अदालत में कहा कि हादसे के वक्त ओम प्रकाश की उम्र महज 37 साल थी। हादसे की वजह से अब वह ड्राइविंग का काम नहीं कर सकता। उसके इलाज, दवाओं और अन्य चीजों पर काफी खर्च हुआ था। इसलिए उसने ट्रिब्यूनल से 70 लाख रुपये मुआवजे की मांग की थी।

    वहीं, इंश्योरेंस कंपनी ने इस केस का विरोध किया और कहा कि हादसे के वक्त ओम प्रकाश खुद शराब के नशे में था। इस पर ट्रिब्यूनल ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि वह उस वक्त नशे में था, इसलिए हादसे का शिकार हो गया। इसलिए ट्रिब्यूनल ने इंश्योरेंस कंपनी की दलील को खारिज कर दिया।