पंजाब व चंडीगढ़ के 13 IPS अफसरों की बढ़ीं मुश्किलें, सट्टेबाजी नेटवर्क से जुड़े होने के गंभीर आरोप
चंडीगढ़ में 13 आईपीएस अधिकारियों पर ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क से जुड़े होने के गंभीर आरोप लगे हैं। चंडीगढ़ पुलिस शिकायत प्राधिकरण (पीसीए) ने एसएसपी और आयकर विभाग से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है, जिसमें अधिकारियों के नाम और सबूत पेश करने को कहा गया है।
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पंजाब व चंडीगढ़ के 13 IPS अफसरों की बढ़ीं मुश्किलें। सांकेतिक फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब और चंडीगढ़ के कुल 13 आइपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अफसरों पर आनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क से जुड़े होने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। इनमें पंजाब के 10 और चंडीगढ़ के तीन आइपीएस अफसर शामिल बताए जा रहे हैं।
इसी मामले में अब चंडीगढ़ पुलिस शिकायत प्राधिकरण (पीसीए) ने सख्त रुख अपनाया है। प्राधिकरण ने चंडीगढ़ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और आयकर विभाग से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
पीसीए के चेयरमैन न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) कुलदीप सिंह और सदस्य सेवानिवृत्त आइपीएस अमरजोत सिंह गिल की पीठ ने आदेश दिए हैं कि रिपोर्ट में उन सभी अफसरों के नाम और उनके खिलाफ जांच के दौरान सामने आए साक्ष्य प्रस्तुत किए जाएं।
साथ ही अब तक हुई कार्रवाई का पूरा ब्यौरा भी देने को कहा गया है। यह रिपोर्ट अगली सुनवाई से पहले जमा करनी होगी। मामले की अगली सुनवाई दो दिसंबर को होगी।यह मामला तब सामने आया जब सितंबर 2025 में आयकर विभाग की जांच शाखा ने उत्तर भारत के सबसे बड़े आनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था।
इस कार्रवाई के तहत चंडीगढ़ में सेक्टर-33 और सेक्टर-44 में स्थित दो कोठियों में चार दिन तक छापामारी चली थी। जांच में सामने आया कि ये कोठियां आनलाइन सट्टेबाजी के मास्टरमाइंड और उसके भाई की हैं।आयकर विभाग की टीम ने दावा किया था कि सट्टेबाजी नेटवर्क को कुछ पुलिस अफसरों का संरक्षण प्राप्त था।
यही वजह रही कि इस नेटवर्क के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। हालांकि, विभाग ने कभी भी उन पुलिस अफसरों के नाम सार्वजनिक नहीं किए। जांच की धीमी रफ्तार को लेकर भी लगातार सवाल उठते रहे हैं।
इसी मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के वकील निखित सराफ ने पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को शिकायत भेजी थी। उनकी शिकायत की एक प्रति चंडीगढ़ पीसीए को भी भेजी गई। प्राधिकरण ने इस शिकायत को आधार बनाते हुए स्वत: संज्ञान लिया और जांच को आगे बढ़ाया।
अब पीसीए ने सीधे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और आयकर विभाग से रिपोर्ट मांगी है, इसलिए यह मामला निर्णायक चरण में पहुंच चुका है। यदि अगली सुनवाई में आरोपों को समर्थन देने वाले पुख्ता तथ्य सामने आते हैं तो इन 13 आइपीएस अफसरों के खिलाफ बड़ी प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई तय मानी जा रही है।

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