Chandigarh News: ट्रिब्यून चौक पर फ्लाईओवर क्यों नहीं बना सकते? हाई कोर्ट ने प्रशासन को लगाई फटकार
ट्रिब्यून चौक पर फ्लाईओवर निर्माण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने यूटी प्रशासन को फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने सवाल किया है कि जब सोनीपत बॉर्डर से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के बीच अंडरपास बनाया जा सकता है तो चंडीगढ़ में इसी तर्ज पर अंडरपास क्यों नहीं बनाया जा सकता। हाई कोर्ट ने प्रशासन को स्पष्ट जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

दयानंद शर्मा, चंडीगढ़। ट्रिब्यून फ्लाइओवर के निर्माण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने यूटी प्रशासन से सवाल किया है कि जब सोनीपत बार्डर से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के बीच अंडरपास बनाया जा सकता है, तो चंडीगढ़ में इसी तर्ज पर अंडरपास क्यों नहीं बनाया जा सकता।
हाई कोर्ट ने इस मामले में प्रशासन को स्पष्ट जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने चंडीगढ़ के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वे चंडीगढ़ हेरिटेज कंजरवेशन कमेटी की कानूनी स्थिति को लेकर अपना पक्ष रखें।
याचिकाकर्ता पंचकूला निवासी जगवंत सिंह बाथ ने हाईकोर्ट को बताया कि ट्रिब्यून चौक पर प्रस्तावित फ्लाइओवर के निर्माण से आम के वृक्षों की कटाई होगी, जिसकी इजाजत नहीं दी जा सकती। इसके अलावा, चंडीगढ़ के मास्टर प्लान में शहर में फ्लाइओवर के निर्माण का कोई प्रविधान नहीं है, फिर भी प्रशासन इसे जबरन बना रहा है।
हाई कोर्ट ने प्रशासन को लगाई फटकार
हाई कोर्ट ने प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि इससे पहले भी एक अन्य याचिका पर सुनवाई के दौरान हमने निर्माण कार्य पर रोक लगाई थी, लेकिन बाद में मामला निपटाते समय यह रोक हटा दी गई थी। इसके बावजूद प्रशासन ने निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ाया, जिससे ऐसा लगता है कि प्रशासन की मंशा ही निर्माण कार्य पूरा करने की नहीं है।
प्रशासन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि केंद्र सरकार को इस परियोजना का संशोधित प्रस्ताव भेजा गया है और टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस पर याचिकाकर्ता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि खुद चंडीगढ़ प्रशासन का शहरी विकास विभाग इस निर्माण का विरोध कर रहा है और इसके लिए चंडीगढ़ हेरिटेज कंजरवेशन कमेटी की मंजूरी अनिवार्य है। बिना इसकी स्वीकृति के निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता।
हाई कोर्ट ने प्रशासन से यह स्पष्ट करने को कहा कि चंडीगढ़ हैरीटेज कंजरवेशन कमेटी की कानूनी स्थिति क्या है और क्या इसे किसी कानून के तहत गठित किया गया है। कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या इस कमेटी की सिफारिशें प्रशासन के लिए बाध्यकारी हैं या केवल सुझाव के रूप में ली जाती हैं।
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