चंडीगढ़ जीएमसीएच-32 में ट्रामा सेंटर चालू, प्रशासक महोदय! मात्र उद्घाटन से नहीं स्टाफ पूरा होने से मिलेगा इलाज
सेक्टर-32 में स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (जीएमसीेएच) में बने नए ट्रामा सेंटर का शुक्रवार को अधिकारियों ने प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने उद्घाटन करा दिया। करोड़ों रुपये की लागते से बने इस सेंटर में इन्फ्रास्ट्रक्चर का तो इंतजाम करा दिया लेकिन स्टाफ के बिना मरीजों की जान पर संकट बन सकता है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। प्रशासक महोदय! मात्र उद्घाटन से नहीं स्टाफ पूरा होने से लोगों को इलाज मिलेगा...। सेक्टर-32 में स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (जीएमसीेएच) में बने नए ट्रामा सेंटर का शुक्रवार को अधिकारियों ने प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने उद्घाटन करा दिया। 52.77 करोड़ रुपये की लागत से बने इस अत्याधुनिक सेंटर में ढांचा खड़ा कर इन्फ्रास्ट्रक्चर का तो इंतजाम करा दिया, लेकिन स्टाफ के बिना मरीजों की जान पर संकट बन सकता है।
इस सेंटर का औपचारिक उद्घाटन भले ही हो गया है, लेकिन न तो पर्याप्त डाक्टर हैं, न नर्सिंग स्टाफ, और न ही पूरी ट्रामा यूनिट की सुविधाएं मौजूद। विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल इमरजेंसी बेड का विस्तार है, जिसे ट्रामा सेंटर का नाम दे दिया गया।
यह पिछले तीन वर्षों में तीसरा मौका है जब स्वास्थ्य विभाग ने बिना तैयारी के किसी बड़ी सुविधा का उद्घाटन कर दिया। इससे पहले 2019 में सेक्टर-48 स्थित 150 बेड वाला जनरल हास्पिटल शुरू किया गया था, जो वर्तमान समय में भी पूरी तरह चालू नहीं हो पाया है।
दो साल पहले खोला गया इस अत्याधुनिक आईसीयू यूनिट भी स्टाफ की कमी के कारण ताले में बंद पड़ा है। महंगे उपकरण धूल खा रहे हैं और मरीजों को निजी अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
जनता के भरोसे से खिलवाड़
जब ऐसे अधूरे प्रोजेक्ट्स को संचालित बताकर पेश किया जाता है, तो लोग भरोसा कर मरीजों को वहां ले जाते हैं। लेकिन पर्याप्त स्टाफ और मॉनिटरिंग न होने से गंभीर केसों का इलाज नहीं हो पाता। नतीजा रोकथाम योग्य मौतें, विकलांगता और बीमारियों का बढ़ता बोझ।
विशेषज्ञों के अनुसार
- तत्काल डाक्टर, नर्स और तकनीकी स्टाफ की नियुक्ति हो
- ट्रामा के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं और गुणवत्ता नियंत्रण लागू किया जाए
-सेक्टर-48 आईसीयू समेत सभी निष्क्रिय यूनिट्स को चालू किया जाए
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