माधोपुर हेडवर्क्स के गेट टूटने मामले में तीन अधिकारी सस्पेंड, जांच के किए कमेटी गठित; लापरवाही से मची थी तबाही
पंजाब सरकार ने माधोपुर हेडवर्क्स में फ्लड गेट टूटने की घटना की जांच के आदेश दिए हैं जिसके बाद तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। राज्य बांध सुरक्षा संगठन ने एक विशेषज्ञ समिति गठित की है जो ढांचागत और परिचालन संबंधी कारणों की जांच करेगी। आरोप है कि फ्लड गेट का रखरखाव ठीक से नहीं किया गया जिससे गेट खोलने के दौरान वे टूट गए।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने 27 अगस्त को माधोपुर हेडवर्क्स के तीन फ्लड गेट टूट कर बह जाने की घटना की जांच के आदेश दिए हैं और बैराज पर तैनात तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
राज्य बांध सुरक्षा संगठन ने निष्पक्ष जांच के लिए एक पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। समिति की अध्यक्षता हाइड्रोचैनल विशेषज्ञ एके बजाज करेंगे जबकि प्रदीप कुमार गुप्ता, संजीव सूरी, एनके जैन और व्यास देव सदस्य होंगे।
यह कमेटी बैराज के गेटों के बह जाने के ढांचागत, मेकेनिकल, जलविज्ञानीय, भू-तकनीकी और परिचालन संबंधी कारणों की जांच करेगी। यह गेटों की स्थिति और कार्यक्षमता, उनके अंतर्निहित भागों, उत्थापन व्यवस्था और नागरिक ढांचों की स्थिरता की भी जांच करेगी।
समिति तत्काल और दीर्घकालिक उपचारात्मक और पुनर्वास उपायों का सुझाव भी देगी। बता दें कि बैराज के रखरखाव जांच के दायरे में है। विशेषज्ञों व राजनीति पार्टियों का आरोप है कि फ्लड गेट का रखरखाव नहीं किया गया।
इसके कारण जब फ्लड गेट खोलने की जरूरत महसूस हुई। उस दौरान तीन गेट टूट कर बह गए। वहीं, पंजाब सरकार ने विभाग के तीन अधिकारियों कार्यकारी इंजीनियर नितिन सूद, सब डिवीजन अधिकारी अरुण कुमार और जूनियर इंजीनियर सचिन ठाकुर को निलंबित कर दिया।
बता दें कि 26-27 अगस्त की मध्यरात्रि को जब रावी नदी के ऊपरी हिस्से में स्थित रंजीत सागर बांध जलाशय से 2.35 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया तो वहां तैनात अधिकारी 54 फ्लड गेट में से अधिकांश को नहीं खोल पाए।
सरकार ने दावा किया था कि पानी के साथ गाद और मलबा आने की वजह से गेट जाम हो गए थे। गेट नहीं खुलने के कारण तीन गेट टूट कर बह गए। इसकी वजह से पठानकोट और गुरदासपुर के निचले इलाकों में बाढ़ और भी विकराल रूप धारण कर लिया था।
बाढ़ में जिन विशेषज्ञों को फ्लड गेट खोलने के लिए बुलाया गया था, उसमें से एक की पानी में बह जाने कारण मौत हो गई जबकि 22 लोगों को बाद में सेना ने सुरक्षित निकाला।
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