तीन लाख नकली नोटों के बदले एक लाख असली, महाराष्ट्र से शुरू हुई चेन, जम्मू-कश्मीर तक फैलाया कारोबार, अब तक सात गिरफ्तार
इंटरनेट और कूरियर से नकली नोटों का धंधा करने वाले सात शातिर गिरफ्तार हुए हैं जिनसे 24 लाख से ज्यादा की नकली करेंसी बरामद हुई है। ये जालसाज सोशल मीडिया पर ग्राहकों को फंसाते थे एक लाख के बदले तीन लाख नकली नोट देने का लालच देते थे। इनका नेटवर्क कई राज्यों में फैला था। क्राइम ब्रांच ने डमी ग्राहक बनकर आरोपितों को पकड़ा।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पहले इंटरनेट मीडिया पर ग्राहकों को तलाशते। फिर एक लाख असली करंसी के बदले तीन लाख नकली करेंसी का लालच देते। कुरियर के जरिये महाराष्ट्र से शुरू हुए इस खेल का नेटवर्क जम्मू-कश्मीर, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में फैलाया। इस गिराेह के तीन शातिरों को चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है, जिनमें एक पंजाब, एक हिमाचल प्रदेश और एक राजस्थान का रहने वाला है। वहीं, एक शातिर को मध्यप्रदेश और तीन को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दबोचा है।
चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच कि गिरफ्त में आए तीनों आरोपितों से अब तक 24 लाख 27 हजार 700 रुपये की नकली करेंसी, प्रिंटिंग मशीनें, दो प्रिंटर, बान्ड पेपर, आरबीआई भारत सिक्योरिटी थ्रेड वाले कागज और इंक जब्त समेत अन्य सामान बरामद किया जा चुका है। एसपी क्राइम ब्रांच जसबीर सिंह ने बताया कि अब तक कुल 7,157 नकली नोट (500 और 100 के डिनामिनेशन) बरामद किए गए हैं। आरोपितों से पूछताछ जारी है और गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।
महाराष्ट्र निवासी प्रमोद कटरे से शुरुआत और चेन से जुड़ते गए शातिर
क्राइम ब्रांच ने जिन आरोपितों को पकड़ा है वे पहले ही जम्मू-कश्मीर के मोहम्मद शफी गनई और दो नाबालिगों को नकली करेंसी बेच चुके थे। क्राइम ब्रांच की सूचना पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मोहम्मद शफी गनई और दो नाबालिगों को पकड़ा। वहीं महाराष्ट्र निवासी प्रमोद कटरे को मध्य प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सभी आरोपितों को क्राइम ब्रांच प्रोडक्शन वारंट पर लाएगी। पुलिस का कहना है कि प्रमोद कटरे से ही इस सारे खेल की शुरुआत हुई। उसके संपर्क में आरोपित जितेंद्र शर्मा था। फिर आगे चेन बनती गई।
सूचना पर तैयार किया डमी कस्टमर, पहले दो और फिर तीसरे को दबोचा
क्राइम ब्रांच को आरोपितों के पास 10 लाख रुपये की नकली करेंसी हाेने की सूचना मिली। उन्हें दबाेचने के लिए एक डमी कस्टमर तैयार कर जाल बिछाया गया। जैसे ही आरोपित नकली नोट लेकर पहुंचे, उन्हें चंडीगढ़ में सेक्टर-22 स्थित शिशु निकेतन स्कूल के पास दबोच लिया गया। हिमाचल प्रदेश के मंडी निवासी 34 वर्षीय गौरव कुमार की तलाशी के दौरान काले रंग के बैग से 500 के 19 नकली नोट बरामद हुए, जबकि सिल्वर रंग की टाटा हैरियर कार से 1,626 नकली नोट मिले। गौरव से 1,646 नोट मिले, जो कुल मिलाकर 8,23,000 रुपये की राशी बनी।
पंजाब के संगरूर निवासी 35 वर्षीय विक्रम मीना उर्फ विक्की से 500 के 392 नकली नोट मिले, जो कुल 1,96,000 रुपये बने थे। दोनों को कोर्ट में पेश कर छह दिन का रिमांड हासिल किया। इसके बाद आरोपितों के ठिकानों पर छापे मारे। संगरूर निवासी विक्रम मीना की दाना मंडी में गौशाला रोड पर स्थित दुकान से 500 के 10 नकली नोट और कुछ 100 रुपये के नोट भी बरामद किए गए।
गौरव के घर से चार पैकेटों में 500 के 400 नकली नोट बरामद हुए। जांच के दौरान राजस्थान के झालावाड़ निवासी 42 वर्षीय जितेंद्र शर्मा का नाम सामने आया। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर 12.20 लाख रुपये की नकली करेंसी, दो प्रिंटर, बान्ड पेपर, आरबीआई भारत सिक्योरिटी थ्रेड वाले कागज और इंक जब्त की गई।
शेयर बाजार और बिजनेस में घाटा हुआ तो पकड़ ली अपराध की राह
गौरव कुमार खेलों में करियर बनाना चाहता था, असफल होने पर शेयर बाजार में निवेश किया और घाटे के बाद नकली करेंसी रैकेट से जुड़ गया। विक्रम मीना भी शेयर बाजार में नुकसान उठाने के बाद इस धंधे में आया। जितेंद्र शर्मा उज्जैन में मोबाइल शाॅप और डिस्पोजेबल कप फैक्ट्री चलाता था, बिजनेस में घाटा हुआ और फिर नकली नोट छापने लगा।
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