सावधान... चंडीगढ़ पीजीआई में चोर गिरोह सक्रिय, 92 हजार के इंजेक्शन ले उड़ा
चंडीगढ़ पीजीआई में इंजेक्शन चोरी का मामला सामने आया है जिसमें चोरों ने 92 हजार रुपये के इंजेक्शन चुरा लिए। सीसीटीवी में कैद होने के बावजूद चोर अभी तक पकड़े नहीं गए हैं। इस घटना में स्टाफ की मिलीभगत का शक जताया जा रहा है। इससे पहले भी गलत इंजेक्शन लगने से एक मरीज की मौत हो चुकी है। पीजीआई प्रशासन ने आरोपितों को जल्द पकड़ने का दावा किया है।

मोहित पांडेय, चंडीगढ़। अगर आपका मरीज चंडीगढ़ पीजीआई में भर्ती है और उसको महंगे इंजेक्शन लगने तो सावधान हो जाएं। इंजेक्शन खरीदने के बाद उसे चोरों से बचाकर रखें। पीजीआई में चोर गिरोह सक्रिय है और रेफ्रिजरेटर में रखे हजारों-लाखों रुपये के इंजेक्शन कब गायब कर देगा आपको पता ही नहीं चलेगा।
इसका ताजा मामला शनिवार को सामने आया था। विकास नगर के रहने वाले दीपक ने अपनी मां को नेहरू ब्लाक के चौथे फ्लोर पर स्थित फीमेल वार्ड में भर्ती करवाया था। उनकी मां को चार इंजेक्शन लगने थे। निजी मेडिकल पर स्टोर पर एक इंजेक्शन की कीमत 27 हजार रुपये थी, लेकिन आयुष्मान सेंटर से चार इंजेक्शन 92 हजार में मिले थे।
दोपहर एक बजे डाक्टर ने एक इंजेक्शन मरीज को दिया। हर दो घंटे के बाद इंजेक्शन लगाना था। इसके लिए वार्ड में स्थित रेफ्रिजरेटर में अन्य तीन इंजेक्शन को रख दिए गए। तीन बजे वह दूसरा इंजेक्शन लेने पहुंचे तीनों इंजेक्शन गायब थे।
नेहरू ब्लाक में ग्राउंड फ्लोर पर स्थित सीसीटीवी कंट्रोल यूनिट की जांच की गई, जिसमें सामने आया कि पहले एक चोर एक इंजेक्शन चुरा कर ले गया। इसके 10 मिनट बाद दो अन्य चोर बैग में डालकर अन्य इंजेक्शन चुरा ले गए। कैमरे में कैद तस्वीरों के मुताबिक फीमेल वार्ड में चोरी करने के बाद चोर गिरोह मेल मेडिकल वार्ड से भी इंजेक्शन चोरी कर फरार हो गए।
एक से दो घंटे के भीतर उठा ले जाते हैं इंजेक्शन
पीजीआई के विभागों से इंजेक्शन चोरी का गिरोह के साथ पीजीआई स्टाफ की मिलीभगत का शक है। इंजेक्शन रखने के एक से दो घंटे के भीतर गिरोह के सदस्य वारदात को अंजाम देते हैं, जिससे साफ होता है कि स्टाफ के लोग ही गिरोह को इंजेक्शन रखे जाने की जानकारी मुहैया करवाते हैं।
पीजीआई में नकली नर्स के इंजेक्शन लगाने से युवती की हुई थी मौत
2023 में नवंबर माह में एक अज्ञात महिला पीजीआई के गायनी वार्ड में पहुंची और युवती को इंजेक्शन लगा था। इंजेक्शन लगने के बाद मरीज की हालत अचानक बिगड़ गई थी, जिसके चलते उसे आईसीयू में शिफ्ट करना पड़ा। पहले से ही किडनी की समस्या से जूझ रही मरीज की स्थिति और गंभीर हो गई। अंत में गलत इंजेक्शन लगने से युवती की मौत हो गई थी। हादसा होने के दो साल बाद भी पीजीआइ प्रशासन मरीजों की सुरक्षा पर आंख बंद करे बैठा है।
इमरजेंसी से नीडल चोरी करता पकड़ा गया नशेड़ी
सोमवार को पीजीआइ की इमरजेंसी से नशे के लिए नीडल चोरी करते हुए पीजीआइ के सिक्योरिटी स्टाफ ने पकड़ा। आरोपित की पहचान अंबाला निवासी शुभम के रूप में हुई है। उनसे बताया कि वह नशा का आदि है और वह नशे की लत पूरी करने के लिए नीडल चोरी करने के लिए पहुंचा था।
प्रवक्ता बोले-इंजेक्शन चोरी करने वालों को जल्दी पकड़ लेंगे
पीजीआई के प्रवक्ता डॉ. विपिन कौशल का कहना है कि विभागों में जाकर इंजेक्शन चोरी करने वाले आरोपियों की जांच की जा रही है। सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से आरोपित की पहचान कर ली गई है। जल्द ही चोरों को पकड़ लिया जाएगा जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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