पंजाब यूनिवर्सिटी के इंग्लिश ऑडिटोरियम में नाटक रॉन्ग नंबर का मंचन
नाटककार पाली भूपिंदर द्वारा लिखित नाटक रॉन्ग नंबर का मंचन पंजाब यूनिवर्सिटी के इंग्लिश ऑडिटोरियम में 10 से 12 अप्रैल तक किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। रॉन्ग नंबर क्या होता है? जिसे हम अकसर काट देते हैं या इससे चिढ़ जाते हैं। मगर ये रॉन्ग नंबर वैसा नहीं है। ये आपको सही नंबर तक पहुंचाएगा। आपका अपना नंबर, जिसे आप भूल चुके हैं दुनिया की भीड़ में। नाटककार पाली भूपिंदर द्वारा लिखित नाटक रॉन्ग नंबर कुछ इसी तरह की मानसिकता को बयां करता है, जिसका मंचन पंजाब यूनिवर्सिटी के इंग्लिश ऑडिटोरियम में 10 से 12 अप्रैल तक किया जाएगा।
मंगलवार को पंजाब यूनिवर्सिटी में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में निर्देशक करण गुलजार ने नाटक पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि नाटक में कई लेयर हैं, जिसमें आजकल के समय में रिश्तों की खोती अहमियत को बताया जाएगा। इसमें एक किरदार जो व्हील चेयर पर है, जिंदगी से खफा है। उसने कई रिश्ते देख लिए, जो शायद अब उसे पसंद नहीं। अपनी नीरस जिंदगी को फिर से उठाने के लिए वो किस को भी अपने फोन से कॉल करने लगता है। इसी कॉल में वो कई अजनबियों से बात करने लगता है। जिनसे बात कर उसे शांति मिलती है। इसी शांति में वह खुद को दोबारा पाना चाहता है। उसे समझ आता है कि वो कहां गलत है। कहां हम जीवन को गलत समझ बैठते हैं।
करण ने कहा कि इस नाटक को चुनने की वजह इसके पीछे की खूबसूरत साइकोलॉजी है, जो एक तरह से साइको ड्रामा भी है। आपकी समझ और मेरी समझ में हम जो जीवन को देखते हैं और अंदर से जिस तरह जीना चाहते हैं, ये नाटक उसी तरह आपको लेकर जाएगा। तीन दिन रहेगा ये नाटक करण ने कहा कि ये नाटक हम तीन दिन करेंगे। हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस नाटक को देखें, क्योंकि इसमें जीवन से जुड़ी कई ऐसी बाते हैं, जिसे हम अकसर नजरअंदाज कर देते हैं। नाटक 10-12 अप्रैल तक इंग्लिश ऑडिटोरियम में शाम 6.30 बजे से मंचित किए जाएंगे।
मंगलवार को पंजाब यूनिवर्सिटी में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में निर्देशक करण गुलजार ने नाटक पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि नाटक में कई लेयर हैं, जिसमें आजकल के समय में रिश्तों की खोती अहमियत को बताया जाएगा। इसमें एक किरदार जो व्हील चेयर पर है, जिंदगी से खफा है। उसने कई रिश्ते देख लिए, जो शायद अब उसे पसंद नहीं। अपनी नीरस जिंदगी को फिर से उठाने के लिए वो किस को भी अपने फोन से कॉल करने लगता है। इसी कॉल में वो कई अजनबियों से बात करने लगता है। जिनसे बात कर उसे शांति मिलती है। इसी शांति में वह खुद को दोबारा पाना चाहता है। उसे समझ आता है कि वो कहां गलत है। कहां हम जीवन को गलत समझ बैठते हैं।
करण ने कहा कि इस नाटक को चुनने की वजह इसके पीछे की खूबसूरत साइकोलॉजी है, जो एक तरह से साइको ड्रामा भी है। आपकी समझ और मेरी समझ में हम जो जीवन को देखते हैं और अंदर से जिस तरह जीना चाहते हैं, ये नाटक उसी तरह आपको लेकर जाएगा। तीन दिन रहेगा ये नाटक करण ने कहा कि ये नाटक हम तीन दिन करेंगे। हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस नाटक को देखें, क्योंकि इसमें जीवन से जुड़ी कई ऐसी बाते हैं, जिसे हम अकसर नजरअंदाज कर देते हैं। नाटक 10-12 अप्रैल तक इंग्लिश ऑडिटोरियम में शाम 6.30 बजे से मंचित किए जाएंगे।
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