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    नकली नोटों की खेप मंगवाने की चल रही थी बात, इनपुट मिलते ही पहुंच गई चंडीगढ़ पुलिस, कैथल से दो दबोचे

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 08:08 PM (IST)

    चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच ने नकली नोट छापने के मामले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो हरियाणा के कैथल से हैं। अब तक कुल छह लोग पकड़े जा चुके हैं। ये आरोपी सोशल मीडिया के जरिए लोगों को लालच देकर नकली नोटों का कारोबार करते थे। क्राइम ब्रांच के इनपुट पर अन्य राज्यों में भी गिरफ्तारियां हुई हैं।

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    नकली नोट प्रकरण में चंडीगढ़ से पकड़े गए युवकों के तार हरियाणा से जुड़े।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। नकली नोट छापने वाले गिरोह के तार अब हरियाणा से भी जुड़ गए हैं चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच ने कैथल जिले से 28 वर्षीय जसविंदर सिंह और 29 वर्षीय सोमदत्त को गिरफ्तार किया है। ये दोनों चंडीगढ़ में गिरफ्तार आरोपितों के संपर्क में थे और उनसे करीब 25,000 के नकली नोटों की खेप मंगवाने की बात चल रही थी, लेकिन इनपुट मिलते ही पुलिस ने दोनों को दबोच लिया।

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    इससे पहले पुलिस ने 25 सितंबर को सेक्टर-22 से हिमाचल के मंडी निवासी गौरव कुमार, पंजाब के संगरूर निवासी विक्रम मीना उर्फ विक्की, झालावाड़, राजस्थान निवासी जितेंद्र शर्मा गिरफ्तार को किया था। चारों के पास से 24 लाख से अधिक की नकली करेंसी मिली थी।

    आनलाइन बनाते थे ग्राहक

    पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपित इंटरनेट मीडिया के जरिये लोगों को लालच देते थे। वह वीडियो और तस्वीरों के जरिए यह दिखाते थे कि कैसे नकली नोट बनाकर मुनाफा कमाया जा सकता है। पहले वह भरोसा जीतने के लिए ग्राहकों को थोड़ी मात्रा में फर्जी नोटों का सैंपल भेजते थे, फिर बड़ी खेप भेजकर रकम वसूलते थे। इसके अलावा आराेपित फर्जी नोटों को एक-दूसरे तक पहुंचाने के लिए कूरियर सर्विसेज का इस्तेमाल करते थे, ताकि पुलिस की नजर से बच सकें।

    अन्य राज्यों में भी गिरफ्तारी

    क्राइम ब्रांच के इनपुट पर मध्य प्रदेश में महाराष्ट्र निवासी प्रमोद कात्रे को गिरफ्तार किया गया, जबकि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मोहम्मद शफी गनई और दो नाबालिगों को भी पकड़ा है। ये सभी आरोपित इस नेटवर्क से जुड़े हुए थे। पुलिस पूछताछ में यह भी सामने आया कि गौरव कुमार और विक्रम मीना दोनों ने शेयर मार्केट में निवेश किया था, लेकिन उन्हें भारी नुकसान हुआ। वहीं जितेंद्र शर्मा ने पहले उज्जैन में मोबाइल शॉप और बाद में डिस्पोजेबल कप बनाने की फैक्ट्री शुरू की, परंतु उसमें घाटा होने के बाद उसने फर्जी नोट छापने का धंधा शुरू कर दिया।