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    हाईकोर्ट ने देखी परिस्थितियां, 1.01 करोड़ की वसूली मामले में बर्खास्त एसआई को मिल गई जमानत

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 07:09 PM (IST)

    पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बर्खास्त सब इंस्पेक्टर (एसआई) नवीन कुमार उर्फ नवीन फोगाट को 1.01 करोड़ रुपये की वसूली के मामले में जमानत दे दी है। नवीन पर आरोप है कि उन्होंने शिकायतकर्ता से पैसे वसूले और धमकाया था। अदालत ने मामले की परिस्थितियों और जांच पूरी होने के बाद यह फैसला सुनाया है।

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    कोर्ट ने कहा कि जांच पूरी हो चुकी और आरोप तय हो चुके। सुबूतों से छेड़छाड़ की आशंका नहीं।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में बर्खास्त सब इंस्पेक्टर नवीन कुमार उर्फ नवीन फोगाट को नियमित जमानत प्रदान कर दी। उस पर अगस्त 2023 में 1.01 करोड़ रुपये की वसूली और धमकी देने का गंभीर आरोप था। न्यायमूर्ति मंजरी नेहरू कौल ने मामले की परिस्थितियों को देखते हुए याचिकाकर्ता को जमानत देने का आदेश दिया। 6 अगस्त 2023 में नवीन के खिलाफ सेक्टर-39 थाने में मामला दर्ज किया गया था।

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    शिकायत के अनुसार शिकायतकर्ता और उनके साथी राज कुमार गाड़ी में बड़ी राशि (2,000 रुपये के नोट) लेकर बैठे थे। इसी दौरान पुलिस की वर्दी में कुछ लोग आए और गाड़ी को सेक्टर-39 स्थित एक बीट बाक्स तक ले जाकर करीब 1 करोड़ रुपये जब्त कर लिए। इसके बाद शिकायतकर्ता और उनके साथी को सुनसान जगह पर छोड़कर धमकाया गया। वह कोई ओर नहीं नवीन ही अपने पुलिस कर्मियों के साथ था।

    जांच के दौरान पता चला कि आरोपित पुलिसकर्मी ने बाद में अपने कारोबारी साझेदार के जरिए शिकायतकर्ता को 75 लाख रुपये लौटाए। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल को झूठा फंसाया गया है। उनका कहना था कि नवीन फोगाट ने एक बड़े गैरकानूनी मनी एक्सचेंज घोटाले का पर्दाफाश किया था और वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव में आकर इसकी जांच रोकने से इनकार किया था। इसी वजह से उन्हें फंसाया गया।

    वकील ने यह भी कहा कि जांच पूरी हो चुकी है, चालान पेश हो चुका है और आरोप भी तय हो चुके हैं। इसके बावजूद गवाहों की गवाही शुरू नहीं हुई है और मुकदमा लटक रहा है। साथ ही, दो अन्य सह-आरोपितों को पहले ही अप्रैल 2024 में जमानत मिल चुकी है।

    सरकारी वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपित पर शिकायतकर्ता से 1.01 करोड़ रुपये की वसूली और धमकी देने का आरोप गंभीर है। उन्होंने माना कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपित को जमानत नहीं दी जानी चाहिए।

    न्यायमूर्ति मंजरी नेहरू कौल ने दलीलों पर विचार करने के बाद कहा कि याचिकाकर्ता 24 नवंबर 2023 से जेल में है। जांच पूरी हो चुकी है और आरोप भी तय हो चुके हैं। अब सुबूतों से छेड़छाड़ की आशंका नहीं है। मुकदमे के जल्द निपटने की संभावना नहीं दिखती। इन परिस्थितियों को देखते हुए अदालत ने आरोपित को जमानत देने का आदेश दिया।

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