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    मोहाली में हवाई अड्डे के पास घर बनाने का सपना होगा पूरा, एयरोट्रोपोलिस टाउनशिप होगी विकसित, जानें गमाडा का प्लान

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 05:57 PM (IST)

    मोहाली में गमाडा ने एयरोट्रोपोलिस टाउनशिप के विकास के लिए 509 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है जिससे लंबे समय से प्रतीक्षित विकास कार्यों की शुरुआत हो गई है। यह परियोजना शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास स्थित है। पहले चरण में ब्लॉक बी सी और डी में विकास कार्य शुरू होंगे जिसमें आंतरिक सड़कें और सीवरेज जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।

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    टाउनशिप में 8600 आवासीय प्लाॅट्स 100 से 2000 वर्ग गज के होंगे।

    जागरण संवाददाता, मोहाली। लंबे इंतजार के बाद मोहाली की एयरोट्रोपोलिस टाउनशिप में विकास की शुरुआत हो रही है। ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथाॅरिटी (गमाडा) ने आखिरकार अपने सातवें स्वतंत्र टाउनशिप 5500 एकड़ के एयरोट्रोपोलिस के विकास के लिए टेंडर जारी कर दिया है, जिसमें समय सीमा दो वर्ष तय की गई है।

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    शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निकट जीरकपुर-बनूड़ रोड के दोनों तरफ फैलने वाली इस टाउनशिप में 8600 आवासीय प्लाॅट्स 100 से 2000 वर्ग गज के होंगे। इसमें रिहायशी व व्यावसायिक जोन भी होंगे। किसानों को पैसे के बजाय विकसित प्लाॅट्स दिए गए हैं।

    मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जून 2022 में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी और जून 2024 में तेजी काम करने के निर्देश दिए थे। जुलाई में जारी 509 करोड़ रुपये के टेंडर को लुधियाना की सीईएल-जेएसपीपीवीकंपनी को सौंपा गया है, जिसमें दो साल की समयसीमा तय की गई है, जिसका अब काम शुरू हो गया है। गमाडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि विकास कार्य ब्लाक्स बी, सी और डी से शुरू होगा।

    927 एकड़ पर होगा कार्य

    पहले फेज में 1653 एकड़ का विकास निर्धारित था, लेकिन अब केवल 927 एकड़ (ब्लाॅक्स बी, सी, डी) पर काम होगा। जुलाई में जारी टेंडर में आंतरिक सड़कें, सीवरेज व तूफानी जल निकासी लाइनें तथा भूमिगत बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। पर्यावरणीय मंजूरी पहले ही मिल चुकी है।

    अमरूदों के बाग घोटाले के कारण अटका था काम

    मई 2023 में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने मुकदमा दर्ज किया था, जिसमें 100 से अधिक लोगों के साथ दर्जन भर अधिकारी भी शामिल थे। आरोप था कि जमीन के रिकाॅर्ड में हेराफेरी कर अमरूदों का बाग दिखाकर 140 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया था। जबकि 90 प्रतिशत जमीन पर गेहूं और चावल की खेती थी। इस घोटाले ने ब्लॉक ए को प्रभावित किया था, लेकिन बाकी हिस्सों का विकास अब रफ्तार पकड़ेगा।