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    Punjab News: ऑपरेशन लोटस से शुरू हुई तनातनी, इस्तीफे पर हुई खत्म; पढ़ें राज्यपाल और सरकार के बीच विवाद की कहानी

    By Rohit Kumar Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sun, 04 Feb 2024 05:00 AM (IST)

    राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और पंजाब सरकार के बीच करीब अढ़ाई साल से चल रही तनातनी आखिर शनिवार को राज्यपाल के इस्तीफे का साथ ही खत्म हो गई। दोनों के बीच विवाद का जन्म उस समय शुरू हुआ जब ऑपरेशन लोटस को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार 20 सितंबर 2022 को विशेष सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल अनुमति मांगी।

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    ऑपरेशन लोटस से शुरू हुई तनातनी, इस्तीफे पर हुई खत्म

    रोहित कुमार, चंडीगढ़। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और पंजाब सरकार के बीच करीब अढ़ाई साल से चल रही तनातनी आखिर शनिवार को राज्यपाल के इस्तीफे का साथ ही खत्म हो गई। दोनों के बीच विवाद का जन्म उस समय शुरू हुआ जब ऑपरेशन लोटस को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार 20 सितंबर 2022 को विशेष सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल अनुमति मांगी।

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    राज्यपाल ने पहले तो सत्र बुलाने की सरकार को अनुमति दे दी लेकिन बाद में विपक्ष के दबाव में दी गई अनुमति को वापिस ले लिया। इसके बाद सरकार और राज्यपाल के बीच दूरियां लगातार बढ़ती चली गईं। अक्टूबर 2022 में बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी का वीसी डॉ. जीएस वांडर को लगाने के लिए सरकार ने राज्यपाल से मंजूरी मांगी तो राज्यपाल ने फाइल यह कह कर लौटा दी कि उन्हें तीन लोगों का पैनल भेजा जाए।

    वीसी का चयन वह चांसलर होने के नेता खुद करेंगे

    वीसी का चयन वह चांसलर होने के नेता खुद करेंगे। इस पर डॉ. वांडर जोकि हृदय रोगों के जाने माने डॉक्टर हैं ने वीसी के लिए अपना नाम वापिस ले लिया। इसी तरह पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वीसी लगाने को लेकर भी सरकार और राज्यपाल आमने सामने हुए। अक्टूबर 2022 में ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू चंडीगढ़ में हुए एयरफोर्स डे में शामिल हुईं लेकिन मुख्यमंत्री समारोह में नहीं पहुंचे तो राज्यपाल ने स्टेज पर ही इसकी नाराजगी व्यक्त कर दी।

    राज्यपाल और मुख्यमंत्री में दूरियां उस समय और बढ़ गईं जब नशा तस्करी को लेकर राज्यपाल ने 31 जनवरी 2023 को जब सीमावर्ती जिलों के दौरे शुरू किए तो मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे। इस दौरे के दौरान जब ड्रग्स को लेकर राज्यपाल ने सरकार को कटघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया तो मान ने इससे दूरी बना ली।

    सरकार राज्यपाल आए आमने-सामने

    फरवरी, 2023 में बजट सत्र बुलाने की अनुमति देने से इनकर कर राज्यपाल और सरकार खुलकर एक दूसरे के आमने-सामने होने लगे। यह मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो सुनवाई के दौरान ही राजभवन की ओर से सत्र की अनुमति की चिट्ठी तो दे दी गई लेकिन साथ ही सुप्रीम कोर्ट से भगवंत मान को ताकीद करवाया कि वह राज्यपाल की ओर से पूछे गए सवालों का जवाब दें।

    राज्यपाल ने सरकार का हेलीकॉप्टर उपयोग नहीं करने की घोषणा कर दी

    विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री की ओर से राज्यपाल पर कटाक्ष करना कि हमारा ही हेलीकॉप्टर उपयोग करते हैं और हमें ही गालियां देते हैं। इसके बाद राज्यपाल ने सरकार का हेलीकॉप्टर उपयोग नहीं करने की घोषणा कर दी और करीब एक वर्ष तक उन्होंने सरकारी हेलीकाप्टर का प्रयोग तक नहीं किया। खास बात यह है कि सरकार की ओर से बिल पास कराने और सत्र बुलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के दौरान सुप्रीम कोर्ट को भी यह स्पष्ट करना पड़ा कि राज्यपाल लोगों के चुने गए प्रतिनिधि नहीं हैं।

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