बुड़ैल जेल में जल्द लगेगी देश की पहली बॉडी एक्स-रे मशीन, इस वजह से लिया गया ये फैसला Chandigarh News
करोड़ों रुपये की इस मशीन से पूरे शरीर की स्कैनिंग हो जाएगी। लेकिन इसका एक नुकसान यह भी है कि मशीन से उच्चस्तरीय रेडियशन पैदा होती है जो बॉडी के लिए नुकसानदायक होती है।
चंडीगढ़, जेएनएन। बुड़ैल मॉडल जेल प्रशासन ने जेल के लिए बॉडी एक्स-रे मशीन खरीदने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे कैदियों को बिना छुए ही पता चल जाएगा कि वे जेल में कोई आपत्तिजनक सामग्री तो नहीं लेकर जा रहे हैं। दरअसल कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें कैदी अपने शरीर के अंदर नशे का सामान छुपाकर ले जाते है। करोड़ों रुपये की इस मशीन से पूरे शरीर की स्कैनिंग हो जाएगी। लेकिन इसका एक नुकसान यह भी है कि मशीन से उच्चस्तरीय रेडियशन पैदा होती है जो बॉडी के लिए नुकसानदायक होती है। ऐसे में जेल अधिकारियों द्वारा पूरी जानकारी लिए जाने के बाद ही मशीन को जेल में लाया जाएगा।
काफी समय से सामने आ रहे हैं नशा और मोबाइल मिलने के मामले
पिछले काफी अरसे से इस जेल में नशे की आपूर्ति के बढ़ते मामलों के मद्देनजर ही इस मशीन की खरीदारी शुरू की गई है। जैसे ही प्रक्रिया पूरी होती है तो बुड़ैल देशभर में पहली ऐसी जेल होगी जिसमें यह उपकरण होगा। बता दें कि कई ऐसे केस हैं जिनमें कैदियों के पास से जेल के अंदर से ही मादक पदार्थ बरामद हुआ था। यही नहीं, जेल का एक वार्डन भी कैदियों तक नशे की सप्लाई करने के चक्कर में पकड़ा गया था। बाद में वार्डन को हटा दिया गया था। वहीं, जेल में कईं ऐसे भी कैदी मौजूद हैं जो अंदर फोन के साथ भी पकड़े गए थे। पिछले ही साल पुलिस को कैदी राजन भट्टी के पास से दो मोबाइल और तीन सिम बरामद हुए थे। राजन भट्टी वही शख्स है जिसने सेक्टर-9 में डीएसपी जगबीर सिंह पर उस वक्त गोलियां चलाई थी जब ऑपरेशन सेल की टीम उसे पकड़ने वहां गई थी। पिछले करीब छह साल में जेल से कईं नशीली दवाइयां बरामद हुई हैं।
कई कंपनियों से संपर्क कर रहे हैं : आइजी
आइजी जेल ओमवीर ¨सह ने बताया कि यह प्रक्रिया हाल ही में शुरू की गई है। हम बॉडी एक्स-रे मशीनें बनाने वाली कुछ विशेष कंपनियों से बातचीत कर रहे हैं। इस समय यहां ऐसे उपकरणों की बेहद जरूरत है। अभी तक देश की किसी भी जेल में यह उपकरण मौजूद नहीं है। हम ऐसी मशीन लेने की सोच रहे हैं जिससे रेडिएशन की समस्या कम रहे। इसके अलावा जेल के अंदर नशे की समस्या खत्म करने के लिए और भी कई तरीकों पर विचार किया जा रहा है। जेल सूत्रों की मानें तो ज्यादातर मामलों में जेल के प्रवेश द्वार पर ही तलाशी के दौरान कैदियों के पास से मादक पदार्थ बरामद हुआ है। तलाशी के बावजूद जेल के अंदर बैरक से भी नशीली दवाएं मिलती हैं। क्योंकि कैदी अपने शरीर के अंदर इन नशीली दवाओं को छुपाकर अंदर ले जाते हैं। केवल त्रिपुरा एयरपोर्ट पर ही है बॉडी स्कैनर मशीन अधिकारियों की मानें तो देशभर में अभी तक केवल त्रिपुरा एयरपोर्ट पर ही बॉडी स्कैनर लगाया गया है। इस स्कैनर का निरीक्षण करने के लिए जल्द ही बुड़ैल जेल की टीम त्रिपुरा जाएगी। टीम एयरपोर्ट पर लगाए इस बॉडी स्कैनर का पूरा निरीक्षण करेगी।
स्कैनर को प्रयोग करते हुए किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए। किसी बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति पर मशीन का कैसा प्रभाव पड़ सकता है, इन सभी बातों की जानकारी जुटाने के लिए टीम त्रिपुरा एयरपोर्ट जाकर वहां मशीन के एक्सपर्ट्स से मुलाकात करेगी। जिससे मशीन के बारे में सभी तरह की जानकारियां जुटाने के बाद इसे बुड़ैल जेल में लगाए जाने का काम पूरा किया जा सके।
आंगनबाड़ियों और क्रेच के लिए भी बनता है जेल में खाना
बुड़ैल जेल में शहर की आंगनबाड़ियोंऔर क्रेचों में आने वाले बच्चों के लिए मिड-डे मील भी बनता है। जेल में नशा मिलने की वजह से जेल में बच्चों के लिए खाना न बनाया जाए, इसलिए जिला अदालत में केस भी चला हुआ है। ऐसे में बच्चों की जिंदगी से कोई खिलवाड़ न हो, इसके लिए भी बॉडी स्कैनर मशीन का फायदा होगा।